Bangladesh National Mourning Day: पड़ोसी देश बांग्लादेश में मची उथल-पुथल के बाद वह फिर से पटरी पर लौट रहा है। मगर उससे पहले ही अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने बड़ा ऐलान किया है। दरअसल, पड़ोसी देश बांग्लादेश 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस दिन देश के राष्ट्रपिता शेख मुजीब-उर-रहमान को याद किया जाता है। हर साल आवामी लीग पार्टी 15 अगस्त वाले दिन को श्रद्धांजलि दिवस के रूप में मनाती है। इसी दिन वर्ष 1975 में शेख मुजीब-उर-रहमान की उनके परिवार के साथ हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद से इस दिन को राष्ट्रीय शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
Son of deposed Prime Minister of Bangladesh Sheikh Hasina, Sajeeb Wazed Joy releases a statement on behalf of Sheikh Hasina on his social media handle X.
…I appeal to you to observe the National Mourning Day on 15th August with due dignity and solemnity. Pray for the salvation… pic.twitter.com/b1qRgOP06r
— ANI (@ANI) August 13, 2024
शेख हसीना का देश के नाम पैगाम
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि हाल ही में देश में हुई हिंसा में उपद्रवियों ने शेख मुजीब-उर-रहमान (Bangladesh National Mourning Day) की मूर्ति को तोड़ दिया था। इस 15 अगस्त को उनकी मौत को पूरे 49 साल हो जाएंगे। वहीं, आवामी लीग बड़ा कार्यक्रम करने की योजना पर काम कर रही है।
शेख हसीना भी देश से बाहर हैं और उन्होंने इस बारे में एक बयान जारी किया है। शेख हसीना ने अपील की है कि 15 अगस्त को लोग गरिमा के साथ शोक दिवस मनाएं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश हिंसा में शामिल लोगों की जांच की है।
राष्ट्रीय अवकाश के पक्ष-विरोध में दल
बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार कार्यालय के अनुसार, 15 अगस्त को छुट्टी रद्द करने की मंजूरी सलाहकार (Bangladesh National Mourning Day) परिषद की बैठक में दी गई है। इस फैसले में कहा गया है कि सरकार के लिए यह फैसला लेना काफी मुश्किल था। बैठक में इस फैसले को लेकर खूब कहा सुनी भी हुई है। सूत्रों के अनुसार, इस फैसले के दौरान आवामी लीग को छोड़कर सभी बांग्लादेशी राजनीतिक दल शामिल हुए थे।
इसमें कुछ दल इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश (Bangladesh National Mourning Day) के रूप में रखने के पक्ष थे तो कुछ दल इसका विरोध कर रहे थे। इसके बाद माना जा रहा है कि 15 अगस्त के दिन पर फैसला लेना अंतरिम सरकार (Bangladesh National Mourning Day) के लिए इतना आसान नहीं होने वाला है। वहीं, बांग्लादेशी लोकल मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अगर अंतरिम सरकार इस दिन में कोई बड़ा बदलाव करती है तो आवानी लीग बड़ा कदम उठा सकती है।
सेना ने की थी शेख मुजीबुर रहमान की हत्या
स्वतंत्र बांग्लादेश के पहले प्रधानमंत्री शेख मुजीबुर रहमान की वर्ष 15 अगस्त 1975 को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। ढाका के धानमुंडी में शेख मुजीबुर रहमान को उनके आवास पर सेना के अधिकारियों ने गोली मार दी थी।
उस दिन शेख मुजीबुर रहमान के साथ उनके परिवार के सदस्यों समेत 40 लोगों की हत्या कर दी गई थी। उनकी पत्नी उनके अन्य बेटों और दोनों बहु समेत उनके 10 साल के सबसे छोटे बेटे की भी गोली मारकर हत्या कर दी थी।
शेख मुजीबुर रहमान की सबसे बड़ी बेटी शेख हसीना उस समय जर्मनी में थीं। इस घटना के बाद शेख हसीना को भारत में राजनीतिक शरण लेनी पड़ी थी। शेख मुजीबुर रहमान को बांग्लादेश के पुननिर्माण के लिए भी जाना जाता है। साल 1996 में शेख हसीना ने बांग्लादेश में सरकार बनाने के बाद 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित कर दिया था।
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