बांदा (उप्र), 18 जनवरी (भाषा) बाल यौन शोषण मामले में बांदा की जेल बंद सिंचाई विभाग के कनिष्ठ अभियंता (जेई) रामभवन की पत्नी की जमानत अर्जी पर सोमवार को सुनवाई नहीं हो सकी।
अलबत्ता, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अनुरोध पर अदालत ने आरोपी पति-पत्नी पर लैंगिक अपराध की कई और धाराएं बढ़ा दी है। अब दुर्गावती की जमानत अर्जी पर सुनवाई 25 जनवरी को होगी। साथ ही आरोपी दंपति की न्यायिक हिरासत दो फरवरी तक बढ़ाई गई है।
पॉक्सो अदालत में सहायक शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) मनोज कुमार दीक्षित ने बताया, ‘‘केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के उपाधीक्षक (सीओ) अमित कुमार ने बाल यौन शोषण के आरोप में 18 नवंबर 2020 से बांदा की जेल में बंद सिंचाई विभाग के कनिष्ठ अभियंता (जेई) रामभवन की पत्नी दुर्गावती को उसके नरैनी कस्बा स्थित आवास से 28 दिसंबर 2020 को गिरफ्तार किया था। अदालत ने उसे पॉक्सो अधिनियम की धारा-17 (बाल यौन अपराध को छिपाना, मदद करना) और आईपीसी की धारा-120बी (आपराधिक षड्यंत्र में शामिल होना) के तहत जेल भेज दिया था।’’
दीक्षित ने बताया कि आरोपी जेई रामभवन की पत्नी दुर्गावती ने जमानत की अर्जी अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) मोहम्मद रिजवान अहमद की अदालत में दाखिल की थी, जिस पर आज सुनवाई होनी थी। मगर सीबीआई द्वारा जांच के दौरान संकलित साक्ष्यों के आधार पर आरोपी जेई रामभवन के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम की धाराएं-24 व 39 और उसकी पत्नी अभियुक्ता दुर्गावती के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम की धाराएं-4, 6, 8, 10 व 12 बढ़ाए जाने की अर्जी दिए जाने के बाद अदालत ने जमानत की अर्जी पर सुनवाई 25 जनवरी को करने का निर्णय लिया है। जेई और दुर्गावती की न्यायिक हिरासत अवधि भी दो फरवरी तक बढ़ा दी गई है।
गौरतलब है कि सीबीआई ने बच्चों का यौन शोषण करने और उनके अश्लील वीडियो व फोटो पॉर्न साइटों को बेचने का एक मामला गत 31 अक्टूबर को दर्जकर 16 नवंबर को चित्रकूट सिंचाई विभाग के कनिष्ठ अभियंता (जेई) रामभवन को गिरफ्तार किया था और वह 18 नवंबर से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है। इसी मामले की सहअभियुक्त उसकी पत्नी दुर्गावती पिछली 28 दिसंबर से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है।
भाषा सं सलीम अर्पणा
अर्पणा