वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने ‘हिन्दू धर्म’ में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की शुरुआत की है। विश्वविद्यालय ने इसे देश में इस तरह का पहला पाठ्यक्रम बताया है। विश्वविद्यालय के रेक्टर प्रोफेसर वी के शुक्ला ने इस नए पाठ्यक्रम का उद्घाटन करते हुए बताया कि यह पाठ्यक्रम दुनिया को हिन्दू धर्म के कई अज्ञात पहलुओं से अवगत कराने के साथ ही हिन्दू धर्म की शिक्षाओं को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में मदद करेगा। शुक्ला ने कहा कि यह देशभर में पहला ऐसा पाठ्यक्रम होगा।
एक विदेशी छात्र सहित कुल 45 छात्रों ने दाखिला लिया
यह पाठ्यक्रम ‘भारत अध्ययन केंद्र’ के कला संकाय के दर्शनशास्त्र और धर्म विभाग, संस्कृत विभाग और प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति और पुरातात्विक विभाग के सहयोग से चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि पाठ्यक्रम के पहले सत्र में एक विदेशी छात्र सहित कुल 45 छात्रों ने दाखिला लिया है। ‘भारत अध्ययन केंद्र’ के समन्वयक सदाशिव कुमार दिवेदी ने बताया कि दो वर्ष के इस पाठ्यक्रम में 4 सेमेस्टर और 16 पेपर होंगे। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के वाराणसी केंद्र के निदेशक डॉक्टर विजय शंकर शुक्ला ने बताया कि इस तरह के पाठ्यक्रम को शुरू करने का विचार सबसे पहले 18वीं सदी के विद्वान पंडित गंगानाथ झा और पंडित मदन मोहन मालवीय ने दिया था। परन्तु कुछ कारणों से उस समय इस पाठ्यक्रम को शुरू नहीं किया जा सका था।