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Banana Farming: बिना सब्सिडी किसान इस तरीके से करता है लाखों की आमदनी, फसल लेने खेत पर आते हैं व्यापारी, जानिए कैसे

Banana Farming: केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों ही किसानों के हित और प्रगति के द्वार खोलने के लिए निरंतर काम कर रही है.

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Manya Jain
Banana Farming: बिना सब्सिडी किसान इस तरीके से करता है लाखों की आमदनी, फसल लेने खेत पर आते हैं व्यापारी, जानिए कैसे

Banana Farming: केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों ही किसानों के हित और प्रगति के द्वार खोलने के लिए निरंतर काम कर रही है. जिसका लाभ बिहार के कई जिलों के किसानों को मिल रहा है.

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जैसा कि आप सब जानतें बिहार में केले की खेती बड़े पैमाने पर होती है. जानकारी के अनुसार यहां केले की खेती सबसे उपयुक्त मानी जाती है. यहाँ के किसानों को केले की खेती से अच्छा-खासा फायेदा भी होता है.

जिस वजह से यहां के किसानों की रूचि केले की खेती में बढ़ रही है. बता दें किसानों को केले की खेती के लिए 75 फीसदी तक सहायता प्रदान की जा रही है. इसकी मदद से बिहार के मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, वैशाली, हाजीपुर और कोसी क्षेत्र के खगड़िया और बेगूसराय के किसान फायदा उठा रहें हैं.

किसानों ने ली जी-9 टिशू कल्चर की मदद 

बिहार के किसान नीरज कुंवर अपने 2 एकड़ के खेत में जी-9 टिशू कल्चर की मदद केले की खेती कर रहें हैं. नीरज कुंवर ने बताया कि उन्होंने जी-9 टिशू कल्चर मटिहानी प्रखंड स्थित उद्यान विभाग के कार्यालय से संपर्क कर सीखा है.

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नीरज कुंवर ने केले की खेती के लिए दिए जा रहे अनुदान की मदद से टिशू टिशू कल्चर प्राप्त कर खेती की शुरुआत की है.  इतना ही नहीं केले की खेती करने पर उद्यान विभाग की ओर से  75 फीसदी सब्सिडी का लाभ भी मिलता है.

क्या होता है जी-9 टिशू कल्चर ?

जी-9 टिशू कल्चर एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जिसका उपयोग केले के पौधों के संवर्धन के लिए किया जाता है. इस तकनीक में केले के पौधे के छोटे हिस्सों, जैसे तनों या पत्तियों, को प्रयोगशाला में विशेष माध्यम में विकसित किया जाता है.

जी-9 किस्म का चयन इसकी उच्च उत्पादन क्षमता, रोग प्रतिरोधक क्षमता, और गुणवत्ता के लिए किया जाता है. इस विधि से पौधे स्वस्थ और एकरूप होते हैं. जिससे किसान अधिक और बेहतर फसल प्राप्त कर सकते हैं.

जी-9 टिशू कल्चर ने केले की खेती में क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं, खासकर उन क्षेत्रों में जहां परंपरागत खेती की समस्याएं अधिक होती हैं.

केले की खेती से लाखों की आमदनी 

नीरज कुंवर अपने 2 एकड़ के खेत में जैविक तरीके से केले की खेती करते हैं. जिसके उत्पादन को बढाने के लिए डीएपी और यूरिया खाद का इस्तेमाल करना पड़ता है. इस जी-9 टिशू कल्चर से 9 से 10 महीने में फसल लग जाती है. इस खेती के केले सामान्य केलों से बेहतर होते हैं.

साथ इसमें आम केलों की तुलना में जयादा उत्पादन होता है.इस खेती में आपको फसल बाज़ार में लेकर नहीं जाना पड़ता है.बल्कि व्यापारी खुद आकर फसल ले जाते हैं. इस खेती के एक घोर में 330 पीस केले निकलते हैं.

इस जी-9 टिशू कल्चर से नीरज कुंवर 2 एकड़ की खेती में 4.50 लाख तक की आमदनी कर लेते हैं.

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