भोपाल। नगर निगम पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने एक करोड़ का जर्माना लगाया है। यह जुर्माना निगम पर बड़े ताबाल में नियमों की अनदेखी कर किए गए फ्लोटिंग रेस्टोरेंट निर्माण के संबंध में लगाया गया है। एनजीटी ने तत्काल निर्माण पर रोक लगाना का भी आदेश दिया है।
सितंबर 2022 में लागाई थी याचिका
दरअसल, सामाजिक कार्यकर्ता राशिद नूर खान ने एनजीटी में भोजवेटलैंड पर किए जा रहे निर्माण पर आपत्ति जाताते हुए याचिका लगाई थी। यह याचिका सितंबर 2022 में लागाई गई थी। याचिका में कहा गया था कि वेटलैंड के 50 मीटर के दायरे में निर्माण प्रतिबंधित है बावजूद इसके यहां पर निर्माण चल रहा है। निगम ने इसकी परमिशन भी जारी की थी।
निगम ने दी थी निर्माण की परमिशन
याचिकाकर्ता के वकील हर्षवर्धन तिवारी ने बताया कि एनजीटी में नगर निगम के जो नियम बानाए गए तालाब के आसपास निर्माण को लेकर वह हमने एनजीटी बताएं थे। इस पर कोर्ट ने निगम से परमिशन देने और निर्माण संबंधी सरंचना के नक्शे की कॉपी मांगी गई थी जिसे निगम कोर्ट में उपलब्ध नहीं करा पाया।
निर्माणाधीन स्ट्रक्चर को तोड़ने के दिए निर्देश
इसी पर कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ करने पर निगम पर एक करोड़ का जुर्माना लगा दिया। कोर्ट ने इस मामले पर निगम के खिलाफ सख्त टिप्पणी की है। साथ ही जुर्माने वाली राशि को मध्य प्रदेश पॉल्यूशन कट्रोल बोर्ड के पास जमा कराने के निर्देश दिए है।
कोर्ट ने 6 माह के अंदर निर्माणाधीन स्ट्रक्चर को तोड़ कर पूर्व स्थिति में लाने के निर्देश दिए। खास बात यह है कि कोर्ट ने अवैध निर्माण को तोड़ने की जिम्मेदारी नगर निगम को ना देकर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को दी।
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