Balodabazar Violence: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हिंसा को भड़काने के आरोप में जेल में बंद विधायक देवेंद्र यादव की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। लंबे समय से जेल में बंद देवेंद्र यादव ने अपनी जमानत के लिए हाई कोर्ट (Balodabazar Violence) में याचिका दायर की थी। जिस पर हाई कोर्ट में 17 दिसंबर को सुनवाई की गई थी। इस मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने इस याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिस पर 3 जनवरी 2025 को फैसला आया है। फैसले में देवेंद्र यादव की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है।
17 अगस्त को भिलाई से किया था अरेस्ट
एमएलए देवेंद्र यादव की 17 अगस्त 2024 को भिलाई से गिरफ्तारी हुई थी। पुलिस ने उन्हें चार बार नोटिस देने के बाद अरेस्ट (Balodabazar Violence) किया था। इसके बाद से ही एमएलए की लगातार रिमांड बढ़ती गई। वह तभी से रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। जेल में बंद देवेंद्र यादव की तबीयत बिगड़ गई है, इससे उन्हें अस्पताल में भर्ती कराकर इलाज कराया जा रहा है। उन्होंने पूर्व में भी कई बार जमानत याचिका लगाई, लेकिन कोई राहत नहीं मिली।
हिंसा के लिए भीड़ को उकसाने का आरोप
बलौदाबाजार हिंसा मामले में आरोपी (Balodabazar Violence) बनाए गए विधायक देवेंद्र यादव पर आरोप है कि उन्होंने हिंसा के लिए भीड़ को उकसाया है। पुलिस ने दावा किया है कि देवेंद्र यादव के खिलाफ उनके पास पर्याप्त सबूत हैं। पुलिस के कुछ वीडियो हाथ लगे हैं। इसी के आधार पर हिंसा भड़काने के आरोप के साथ पुलिस ने इस हिंसा का आरोपी बनाया है।
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हाई कोर्ट से भी याचिका हुई खारिज
देवेंद्र यादव के वकील ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान तर्क दिया। इसमें जानकारी दी थी कि उनके क्लाइंट का इस हिंसा, (Balodabazar Violence) घटना से कोई लेनादेना नहीं है। पुलिस के द्वारा झूठे केस में फंसाया है। वकील ने कोर्ट में कहा राजनीतिक दबाव के कारण देवेंद्र यादव को आरोपी बनाया है। वे घटना के वक्त वहां मौजूद नहीं थे। पुलिस के पास उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। इस जमानत याचिका की सुनाई के बाद हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसका फैसला आज आया है।
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