CG News: Baloda Bazar News: समाज को नशा मुक्त करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय के आदेशानुसार बलौदाबाजार पुलिस की तरफ से नशा मुक्त पखवाड़ा(15 दिनों तक) अभियान शुरू किया गया है। अभियान के तहत पहले चरण में कसडोल थाना से प्रारंभ किया गया, शुक्रवार को नोडल अधिकारी एसडीओपी सुभाष दास ने थाना कसडोल में आमजनों को आमंत्रित कर नशा के खिलाफ हो रहें दुष्प्रभाव को बताया और कहा कि नशे जैसी सामाजिक बुराई से दूर रहने प्रेरित किया। साथ ही समाज मे नशा जैसे कार्यों को बंद करने का आवाहन किया।
नशे का आदी होना आसान
एसडीओपी दास ने लोगों को नशे के दुष्परिणामों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि नशा एक सामाजिक बुराई है। नशा शरीर और मस्तिष्क पर बहुत ही गलत प्रभाव डालता है। नशे का आदी होना आसान है, लेकिन इस लत से छुटकारा पाना बेहद मुश्किल है। नशे की लत के कारण होने वाले स्वास्थ्य के नुकसान की भरपाई करना बेहद कठिन है।
नशे से जीवन तबाह होता है
नशे के कारण व्यक्ति का सामाजिक व पारिवारिक जीवन तबाह हो जाता है। समाज में कई लोग ऐसे होते हैं जो नशे की लत पाल कर पूरी तरह नशे के आदी हो जाते हैं, उनके लिए वापस लौटना और जिंदगी की नयी शुरुआत करना मुश्किल होता है, क्योंकि नशे के कारण उनमें इतना मनोबल भी नहीं होता कि नशा छोड़ने के लिए संकल्प ले सकें।
नशे की वजह से आपराधिक वारदातों को अंजाम
इस अभिशाप को जड़ से खत्म करने के लिए समाज के सभी लोगों को एकजुट होकर आवाज उठानी होगी। नशा व्यक्ति के शरीर के लिए तो हानिकारक है ही, साथ में यह अपराध करने का मुख्य कारण भी बनता है। जो व्यक्ति नशा करने लग जाता है तो वह नशा पूर्ति के लिए पैसे न होने पर आपराधिक वारदातों को अंजाम देने लग जाता है। नशा वो बीमारी है, जो न केवल एक परिवार बल्कि समाज और देश के भविष्य को खतरे में डालने का काम करता है।
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