नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले पहलवान बजरंग पुनिया Bajrang Punia ने शुक्रवार को कहा कि वह जेल में बंद पहलवान सुशील कुमार को अब भी कुश्ती में देश का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी मानते हैं क्योंकि उन्होंने ग्रीष्मकालीन खेलों में पदक के 56 साल के इंतजार को खत्म कर पहचान के लिए जूझते इस खेल को नया जीवन दिया था।
बजरंग यहां केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की दिल्ली मेट्रो सुरक्षा इकाई द्वारा Bajrang Punia आयोजित उनके सम्मान कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने समारोह के प्रेरणा (मोटिवेशन) सत्र के दौरान कहा, ‘‘मैं भारत में सुशील कुमार से बेहतर पहलवान किसी को नहीं मानता हूं। उन्होंने 2008 में ओलंपिक पदक जीतकर कुश्ती को जीवित किया था और वह पदक 56 साल बाद आया था।’’
बजरंग Bajrang Punia से सुशील से जुड़े हालिया हत्या मामले पर भी टिप्पणी करने के लिए कहा गया। उन्होंने इस पर कहा कि वह केवल उनके खेल करियर के बारे में राय दे रहे थे। सुशील ने बीजिंग ओलंपिक (2008) में कांस्य पदक जीता था और चार साल बाद लंदन में अपने प्रदर्शन में सुधार करते हुए रजत पदक हासिल किया था। सुशील को दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी के छत्रसाल स्टेडियम में एक पूर्व जूनियर राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियन की हत्या के कथित मामले में गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके खिलाफ आरोप पत्र भी दायर किया है।
इस पहलवान से जब एक सुरक्षाकर्मी ने पूछा कि वैश्विक खेल प्रतियोगिताओं में भारत की संभावनाओं को बेहतर बनाने Bajrang Punia के लिए क्या किया जा सकता है, तो उन्होंने कहा, ‘‘ यह सब माता-पिता के साथ शुरू होता है। उन्हें अपने बच्चों को प्रोत्साहित करना होगा। वे पहले गुरु और कोच हैं।’’
बजरंग Bajrang Punia ने कहा, ‘‘अगर वे अपने बच्चों को खेल खेलने के लिए प्रोत्साहित नहीं करते हैं तो यह (खेलों में बेहतर प्रदर्शन और पदक जीतना) नहीं किया जा सकता है।’’बजरंग ने इस मौके पर सीआईएसएफ के उन पहलवानों से भी मुलाकात की जिनके साथ उन्होंने छत्रसाल स्टेडियम में अभ्यास किया था।इस आयोजन के दौरान टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा को भी सम्मानित किया गया।