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Bajrang Punia Returns Padma Shri: तोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने शुक्रवार को अपना पद्मश्री लौटाने का फैसला किया। बृजभूषण के करीबी संजय के अध्यक्ष बनने पर साक्षी मालिक ने भी कल कुश्ती से संन्यास लेने का फैसला किया था।
‘इस सम्मान के बोझ तले नहीं जी सकता’
पहलवान बजरंग पूनिया ने अपना अवॉर्ड पीएम आवास के बाहर फुटपाथ पर रख दिया। बजरंग ने कहा कि महिला पहलवानों के अपमान के बाद वे ऐसी सम्मानित जिंदगी नहीं जी पाएंगे, इसलिए अपना पद्मश्री लौटा रहे हैं। अब वह इस सम्मान के बोझ तले नहीं जी सकते। पूनिया को 12 मार्च 2019 को पद्मश्री अवॉर्ड मिला था।
साक्षी ने लिया कुश्ती से संन्यास
डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण के करीबी संजय गुरुवार को यहां हुए चुनाव में डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बने और उनके पैनल ने 15 में से 13 पद पर जीत हासिल की। इस नतीजे से तीन टॉप पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और पूनिया को काफी निराशा हुई जिन्होंने महासंघ में बदलाव लाने के लिए काफी जोर लगाया था।
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इन टॉप पहलवानों ने साल के शुरू में बृजभूषण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया था जिन पर उन्होंने महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगाया था और यह मामला अदालत में लंबित है। चुनाव के फैसले के तुरंत बाद साक्षी ने कुश्ती से संन्यास लेने का फैसला किया।
पूनिया ने लिखा पीएम को पत्र
पूनिया ने एक दिन बाद ‘एक्स’ पर बयान जारी कर कहा, ‘‘मैं अपना पद्श्री सम्मान प्रधानमंत्री को वापस लौटा रहा हूं। कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है। यही मेरा बयान है।’’ पूनिया ने लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री जी, उम्मीद है कि आप स्वस्थ होंगे। आप देश की सेवा में व्यस्त होंगे। आपकी इस व्यस्तता के बीच आपका ध्यान देश की कुश्ती पर दिलवाना चाहता हूं।’’
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उन्होंने लिखा, ‘‘आपको पता होगा कि इस साल जनवरी में महिला पहलवानों ने बृजभूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगायो थे। मैं भी उनके आंदोलन में शामिल हो गया था। सरकार ने जब ठोस कार्रवाई की बात की तो आंदोलन रूक गया था।’’
सड़क पर किया था विरोध प्रदर्शन
अपनी निराशा व्यक्त करते हुए इस स्टार पहलवान ने लिखा, ‘‘लेकिन तीन महीने तक बृजभूषण के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी। हम अप्रैल में फिर सड़क पर विरोध प्रदर्शन करने लगे ताकि पुलिस कम से कम उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करे।’’
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पूनिया ने लिखा, ‘‘जनवरी में शिकायतकर्ता महिला पहलवानों की गिनती 19 थी जो अप्रैल आते आते सात रह गयी। यानी इन तीन महीनों में अपनी ताकत के दम पर बृजभूषण ने 12 महिला पहलवानों को अपने न्याय की लड़ाई में पीछे हटा दिया।’’
‘मैं न तो विरोध कर रहा हूं और न ही आक्रामक हूं’
जब पूनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने और संजय सिंह के चुनाव के विरोध में अपना पत्र सौंपने के लिए संसद पहुंचने की कोशिश की तो दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने उन्हें कर्तव्य पथ पर रोक दिया।
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पूनिया को जब दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने रोका तो उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, मेरे पास कोई अनुमति नहीं है। अगर आप इस पत्र को प्रधानमंत्री को सौंप सकते हैं तो ऐसा कर दीजिये क्योंकि मैं अंदर नहीं जा सकता। मैं न तो विरोध कर रहा हूं और न ही आक्रामक हूं। ’’
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