सागर। Bageshwar Dham Sarkar: बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) की जैसीनगर में चल रही कथा का समापन सोमवार को हुआ। इस अवसर पर नि:शुल्क कथा पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि हम सनातन धर्म की ऐसी लकीर खींचना चाहते हैं। हम बताना चाहते हैं कि धर्म धंधा नहीं है और संत पाखंडी नहीं है। उन्होंने कहा कि साधु महात्मा धन कमाने के लिए नहीं है। उन्होंने कहा कि सनातन में धर्म की रक्षा के लिए प्राणों का बलिदान देते हैं।
बंसल न्यूज ने पूछा था सवाल
जैसीनगर में चल रही नि:शुल्क कथा को लेकर बंसल न्यूज ने पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से सवाल किया तो उनका कहना था कि धर्म धंधा नहीं है और संत पाखंडी नहीं है। उन्होंने कहा कि संत पैसा कमाने के लिए नहीं है। जैसी नगर में चली कथा की व्यवस्थाओं को लेकर उन्होंने कहा कि मैं इधर बहुत सोया हूं। उन्होंने कहा कि यहां के लोग अद्भुद हैं। यहां जंगल में मंगल है।
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महादेव मंदिर के बाद कायाकल्प
पंडित धीरेंद्र शास्त्री (Bageshwar Dham Sarkar)ने कहा कि नरसिंगपुर में जो बड़े महादेव का मंदिर बनने जा रहा है इसके बाद तो यहां का कायाकल्प है। संत और महात्मा धन कमाने के लिए जीवन में सनातन को नहीं बिठाता बल्कि अपने प्राणों की, अपने समय की, अपनी शक्ति लगाकर प्राणों की आहूति दे देता है।
पेड़ पर चढ़ा युवक
कथा के समापन पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री सागर के मंदिरों में दर्शन करने पहुंचे थे। बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham Sarkar) के पीठाधीश्वर के पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री सुरखी विधानसभा के प्रसिद्ध जलंधर स्थित ज्वाला देवी मंदिर (Jalandhar Jwala Devi Mandir) पहुंचे जहां उन्होंने मां ज्वाला की पूजा कर आशीर्वाद लिया। महाराज जी के जलंधर पहुंचने की सूचना पर मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में आसपास के ग्रामीण अंचलों के लोग पहुंचे पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस दौरान सभी लोगों को आशीर्वाद दिया साथ ही संबोधित भी किया साथ ही उन्होंने लोगों की सामूहिक अर्जी स्वीकार की। इसी दौरान बाबा के दर्शन के लिए एक युवक पेड़ पर चढ़ गया। तो बाबा ने कहा, ऐहै भैया तुम नेचे उतरयाओ राजा।