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Bageshwar Dham Kanya Vivah: बागेश्वर धाम में राष्ट्रपति मुर्मू, 251 घोड़े देख चौंके CM, 251 कन्याओं का सामूहिक विवाह

Bageshwar Dham Kanya Vivah Updates: छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम के नजदीक गढ़ा गांव में आयोजित सामूहिक कन्या विवाह कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शामिल हुईं।

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Kushagra valuskar
Bageshwar Dham Kanya Vivah: बागेश्वर धाम में राष्ट्रपति मुर्मू, 251 घोड़े देख चौंके CM, 251 कन्याओं का सामूहिक विवाह

Bageshwar Dham Kanya Vivah: खजुराहो स्थित बागेश्वर धाम में 251 जोड़ों का सामूहिक विवाह महोत्सव आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को हनुमान यंत्र भेंट किया। इस अवसर पर राज्यपाल मंगू भाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी मौजूद रहे।

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धीरेंद्र शास्त्री को धन्यवाद देती हूं- राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बागेश्वर धाम में आयोजित सामूहिक विवाह महोत्सव में शामिल सभी जोड़ों को बधाई देते हुए कहा कि सभी जोड़ों को उनके सुखमय जीवन की शुभकामनाएं देती हूं। आप सभी को विवाह सूत्र में बांधने वाले बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री को मैं धन्यवाद देती हूं।

उन्होंने कहा, 'इस कार्यक्रम में विवाहित जोड़ों को न केवल गृहस्थी के लिए आवश्यक सामान, बल्कि जीवनयापन के लिए आटा चक्की और सिलाई मशीन भी प्रदान की जा रही है, जो उनके स्वावलंबन में मददगार साबित होंगे।'

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारतीय परंपरा में संतों ने सदियों अपने कर्म और वाणी से जन मानस को रास्ता दिखाया है। सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई है। उन्होंने कहा, 'अंधविश्वास के बारे में लोगों को जागरुक किया गया है। चाहे गुरुनानक हो, मीराबाई या संत तुकाराम। सब ने समाज को सही राह दिखाई है।'

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मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बागेश्वर धाम में आयोजित सामूहिक विवाह महोत्सव के दौरान अपने संबोधन में कहा कि आज बागेश्वर धाम में नया कीर्तिमान बना रहा है। यहां जातिगत संघर्ष को तोड़ने का कार्य किया गया है, जो हमारे लिए सौभाग्य की बात है।

सीएम यादव ने इस अवसर पर शासन, सत्ता और संत की त्रिवेणी की मौजूदगी का जिक्र करते हुए कहा, 'इस पवित्र माहौल में विवाह का यह कार्यक्रम संपन्न हुआ है। यहां जातियों की दीवारें टूटी हैं और सद्भावना का वातावरण बना है। यह एक ऐतिहासिक पल है, जो समाज में एकता और समरसता का संदेश देता है।'

उन्होंने कहा कि 251 घोड़े कहां-कहां से लाए महाराज गजब कर दिया आपने। आज आप अश्वमेघ और दिग्विजय घोड़े के समान ये घोड़े लाए हैं, जिन्होंने समाज की असमानता को तोड़ दिया।

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उन्होंने इस आयोजन को समाज के लिए एक मिसाल बताते हुए कहा कि ऐसे प्रयासों से समाज में व्याप्त भेदभाव और असमानता को दूर किया जा सकता है। यह कार्यक्रम न केवल धार्मिक और सामाजिक एकता का प्रतीक है, बल्कि यह समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने का संकल्प भी दर्शाता है।

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने वर-वधु को बधाई दी

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने भी इस अवसर पर सभी वर-वधुओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने गरीब और वंचित बेटियों के विवाह का यह समारोह आयोजित कर एक अनुकरणीय कार्य किया है। सामूहिक विवाह समारोह न केवल समाज में एकता और सद्भावना को बढ़ावा देते हैं, बल्कि भावी पीढ़ियों को अच्छे संस्कारों की सीख भी देते हैं।

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पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि जिस दिन हमने अपनी बहन का विवाह उधार लेकर किया। उसी दिन ठान लिया था कि अगर भगवान ने हमें सामर्थ्यवान बनाया, तो भारत में किसी भी बेटी के विवाह के लिए किसी को निराश नहीं होना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के मंदिरों की पेटियों को बेटियों के लिए खोल देना चाहिए।

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उन्होंने आगे कहा, 'आज बेटियों की विदाई है, इसलिए हम भावुक हैं। हम ज्यादा बोल नहीं पा रहे हैं। बेटियों को घर जाते समय मुस्कुराते हुए कहना चाहिए कि हमारे विवाह में राष्ट्रपति महोदया आई थीं।'

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