Dhirendra Krishna Shastri Valmiki Samaj: मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले की तहसील करैरा में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की श्रीमद् भागवत महापुराण कथा चल रही है।
आपको बता दें कथा के चौथे दिन यानी 5 दिसंबर को कथा समाप्त कर अपने निवास पर जाते समय पं. धीरेंद्र कृष्ण अचानक करैरा में रहने वाले वाल्मीकि परिवार अशोक वाल्मीकि के घर के बाहर गाड़ी रोकी।
यहां उन्होंने अशोक पवार की छोटी बेटी अनोखी वाल्मीकि से बात की और अनोखी ने बोला बाबा आपने एक दिन पहले मुझसे चाय के लिए बोला था। इसके बाद धीरेन्द्र शास्त्री ने बोला ठीक है चाय बनाओ। अनोखी ने चाय बनाई और पं. धीरेन्द्र शास्त्री ने उसके घर बैठकर चाय पी।
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) December 6, 2024
पं. धीरेन्द्र शास्त्री ने दिया संदेश
समाज में व्याप्त जातिवाद और छुआछूत जैसी कुरीतियों को समाप्त करने के उद्देश्य से पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने एक नई सोच और कदम के साथ करैरा में अनोखी मिसाल पेश की।
अपनी पदयात्रा के दौरान शास्त्री ने ‘जात-पात की करो विदाई, हिंदू-हिंदू भाई-भाई’ का नारा देकर समाज को एकता और भाईचारे का संदेश दिया था। इस संदेश को साकार करते हुए उन्होंने वाल्मीकि समाज के एक परिवार के घर जाकर चाय पी और उनके साथ समय बिताया।
इस पहल ने समाज के सभी वर्गों को छुआछूत के खिलाफ एकजुट होने की प्रेरणा दी। उन्होंने न केवल जातीय भेदभाव के खिलाफ अपनी बात कही, बल्कि अपने व्यवहार से यह दिखाया कि जात-पात और छुआछूत को मिटाना केवल शब्दों से नहीं, बल्कि कर्मों से संभव है।
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कथा मंच पर करा चुके हैं वाल्मीकि समाज से आरती
करैरा में 2 दिसंबर से चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के पहले दिन ही धीरेन्द्र शास्त्री ने ऐलान कर दिया था कि कल कथा मंच पर आरती वाल्मीकि समाज के लोगों के द्वारा कराई जाएगी।
इस ऐलान के बाद आयोजक समीति ने दूसरे दिन यानी 3 दिसंबर की कथा की संध्या आरती वाल्मीकि समाज के लोगों से कराई।
आरती के बाद वाल्मीकि समाज के लोगों से धीरेंद्र शास्त्री मिले और उनका दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया।
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