Baby Elephant Die In Bandhavgarh: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की मौत का सिलसिला जारी है। मध्यप्रदेश के इस प्रसिद्ध नेशनल पार्क में एक और हाथी की मौत हो गई, जो कि महज 4 महीने का था। यह बेबी एलिफेंट इलाज के दौरान अपनी जान गंवा बैठा। बेबी एलिफेंट ने रविवार सुबह करीब 6 बजे दम तोड़ दिया बता दें बांधवगढ़ में 11 हाथियों की मौत हो गई है। जांच कमेटी ने इन हाथियों की मौत की वजह कोदो को बताया है।
तीन दिन पहले बीमारी की हालत में मिला था
मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक नन्हे हाथी की मौत हो गई। तीन दिन पहले पनपथा बफर रेंज में बीमार हालत में पाया गया था, जिसे तत्काल रेस्क्यू कर ताला हाथी कैम्प लाया गया था। डॉक्टरों की निगरानी में रखे जाने के बावजूद आज सुबह उसकी मौत हो गई। यह बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की मौत की लगातार श्रृंखला में एक और घटना है, जहां पिछले कुछ समय में 11 हाथियों की मौत हो चुकी है।
पनपथा बफर रेंज में मिला था बच्चा
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उप संचालक प्रकाश कुमार वर्मा ने बताया कि पनपथा बफर रेंज में एक लावारिस हाथी का बच्चा बीमार हालत में मिला था। उसे रामा हाथी कैंप में उपचार के लिए रखा गया, लेकिन शनिवार सुबह उसकी मौत हो गई। अधिकारियों की उपस्थिति में पोस्टमार्टम किया जा रहा है। यह घटना बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की मौत की लगातार श्रृंखला में एक और घटना है।
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हाथियों की कब्रगाह बना बांधवगढ़
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में जंगली हाथियों की मौत का सिलसिला जारी है, जिससे यह जगह हाथियों का कब्रगाह बन गई है। अधिकांश रिपोर्ट्स में हाथियों की मौत का कारण कोदो की फसल खाने को बताया जा रहा है, लेकिन स्थानीय लोग इसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं। उनका तर्क है कि उनके मवेशी भी कोदो की फसल खा रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई नुकसान नहीं हो रहा है। इस स्थिति में, स्थानीय लोग हाथियों की मौत की उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं।
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