Baba Shivanand Death:128 वर्षीय योग गुरु बाबा शिवानंद का शनिवार रात 8:45 बजे वाराणसी में निधन हो गया। पिछले तीन दिनों से वह बीएचयू अस्पताल में भर्ती थे और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत थी। उन्होंने अपने पूरे जीवन को योग साधना, ब्रह्मचर्य और सादा जीवन जीने में समर्पित कर दिया था। बाबा शिवानंद का जीवन खुद एक प्रेरणा था।
प्रधानमंत्री मोदी भी थे उनके अनुयायी
बाबा शिवानंद को 2022 में भारत सरकार ने पद्मश्री सम्मान से नवाज़ा था। वे पद्मश्री पाने वाले देश के सबसे बुज़ुर्ग व्यक्ति भी बने। जब उन्हें ये सम्मान मिला था, तो मंच पर जाकर उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को आशीर्वाद भी दिया था। पीएम मोदी ने भी सार्वजनिक रूप से उनकी योग साधना और जीवनशैली की सराहना की थी।
जन्म से लेकर तपस्वी बनने तक का सफर
-
बाबा शिवानंद का जन्म 8 अगस्त 1896 को पश्चिम बंगाल के श्रीहट्टी (जो अब बांग्लादेश में है) में एक गरीब ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
-
चार साल की उम्र में उन्हें उनके माता-पिता ने आध्यात्मिक जीवन के लिए नवद्वीप के बाबा ओंकारानंद गोस्वामी को सौंप दिया।
-
6 साल की उम्र में ही उनके माता-पिता और बहन का भुखमरी से निधन हो गया, जिसके बाद उन्होंने अपने गुरु के साथ साधना शुरू की।
यह भी पढ़ें- UP Electricity Price: उपभोक्ताओं की जेब पर असर, यूपी में बढ़ सकती है बिजली दरें, अक्टूबर तक आएगा नया टैरिफ प्लान
आसानी से करते थे योग के कठिन आसन
बाबा शिवानंद रोज सुबह 3 से 4 बजे के बीच उठते थे, स्नान कर ध्यान-योग करते और सादा भोजन करते थे। वे चावल नहीं खाते थे और ज्यादातर उबला हुआ हल्का भोजन लेते थे। इतने सालों तक उन्होंने ब्रह्मचर्य का पालन किया और कभी किसी चीज का मोह नहीं रखा। उनका मानना था — “इच्छा ही सभी दुखों की जड़ है।”
मताधिकार का सम्मान
बाबा जी हमेशा चुनाव के दिन वाराणसी आकर वोट डालते थे। भले ही कहीं भी हों, लोकतंत्र के इस कर्तव्य को उन्होंने कभी नहीं छोड़ा। इस साल की शुरुआत में वह प्रयागराज कुंभ में भी पहुंचे और पवित्र संगम में डुबकी लगाई।
हरिश्चंद्र घाट पर अंतिम संस्कार
बाबा शिवानंद वाराणसी के कबीर नगर (दुर्गाकुंड) में रहते थे। यहीं उनका आश्रम भी स्थित है। अब उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार हरिश्चंद्र घाट पर किया जाएगा। बाबा का जीवन आज के युवाओं के लिए एक जीवित उदाहरण है कि संयम, साधना और सेवा से लंबा और शांतिपूर्ण जीवन जिया जा सकता है।
यह भी पढ़ें- UP News: लखनऊ में GST अधिकारी ने 1 करोड़ रुपए दहेज न मिलने पर तोड़ी शादी, पीड़ित परिवार ने दर्ज कराई FIR