Ayodhya Darshan Guide: अयोध्या में पीएम मोदी, प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम योगी, तमाम फ़िल्मी सितारें और हजारों साधु संतों की मौजूदगी में बीते दिन यानी 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो गई।
प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ लगातार इसको लेकर हाईलेवल मीटिंग कर रहे हैं और अयोध्या की सुरक्षा को मद्दे नजर रखते हुए कई बड़े फैसले भी लिए गए हैं। अयोध्या के होटलों की सारी प्री-बुकिंग कैंसिल कर दी गई थी।
साथ ही प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन सिर्फ आमंत्रित लोगों को ही आयोजन में शामिल होने के निर्देश दिए गए थे।
वहीं , 23 जनवरी से आम लोगों के लिए मंदिर खोल दिए गए हैं। चूंकि सुरक्षा कारणों से अयोध्या में कई बड़े बदलाव किए गए हैं, ऐसे में यदि आप भी प्रभु श्रीराम का दर्शन करने अयोध्या जाने की सोच रहे हैं तो आपके लिए ये जानना बेहद जरुरी है कि आप अयोध्या पहुंचेंगे कैसे और कहां ठहरेंगे।
आज हम आपको अयोध्या पहुंचने से लेकर रामलला के दर्शन करने तक का पूरा प्लान बताएंगे ताकि जब आप दर्शन करने जाएं तो आपको किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
आरती में कैसे शामिल हो सकते हैं?
पास की ऑफलाइन व्यवस्था
आरती में शामिल होने के नियम ट्रस्ट तय कर रहा है। अभी ट्रस्ट द्वारा पास बनाया जाता है। ऑफलाइन पास श्रीराम जन्मभूमि कैंप ऑफिस से बनता है। इसके लिए आईडी प्रूफ देना अनिवार्य होता है।
ऑनलाइन व्यवस्था
https://online.srjbtkshetra.org/#/aarti पर जाकर ऑनलाइन पास के लिए रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है, हालांकि अभी यह व्यवस्था एक्टिव नहीं हुई है। 27 जनवरी से व्यवस्था सामान्य होने की संभावना है। इसके बाद ही आप ऑनलाइन बुकिंग कर पाएंगे।
प्रमुख दर्शनीय स्थल
अयोध्या में भगवान राम से जुड़े वो प्रमुख स्थान जो आप देख सकते हैं ।
अयोध्या में राम मंदिर दर्शन के अलावा भगवान राम से जुड़े और भी कई स्थान हैं। इन स्थानों पर भगवान राम के चिन्ह मौजूद हैं। ये स्थान राम मंदिर के आसपास ही हैं।
हनुमानगढ़ी– राम मंदिर से दरी 500 मी दूर
महत्व- राम मंदिर जाने से पहले हनुमान मंदिर के दर्शन करने की परंपरा रही
है। मंदिर में जो मूर्ति है, उसमें हनुमान जी मां अंजनी की गोद में हैं।
खुलने का समय- सुबह 4.00 बजे से रात 10.00 बजे तक खुला रहता है।
छोटी देवकाली– राम मंदिर से 1 किमी दूर
महत्व- यह माता सीता की कुल देवी का मंदिर है। मान्यता है कि उन्होंने यहां माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित की थी और वे यहां पूजा करने आती थीं।
खुलने का समय – सुबह से रात तक
कनक भवन– राम मंदिर से 1 किमी दूर
महत्व- माता कैकेयी ने श्रीराम और देवी सीता को यह भवन उपहार में दियाथा। यह उनका व्यक्तिगत महल था। 1885 में ओरछा रियासत की महारानी
वृषभानु कुंवारी जूदेवी ने वर्तमान भवन का निर्माण करवाया था। मंदिर के मुख्य गर्भगृह में श्रीराम और माता सीताजी की प्रतिमा स्थापित है।
खुलने का समय – सुबह 9.00 बजे से दोपहर 11. 30 बजे तक और शाम
4.30 से रात 9.30 तक
सीता रसोई– राम मंदिर से दूरी 1 किमी
महत्व – राम जन्म भूमि के उत्तर-पश्चिमी किनारे पर स्थित सीता की रसोई
एक प्राचीन रसोई है। इसका उपयोग सीताजी किया करती थीं।
खुलने का समय – सुबह से रात तक।
सरयू तट– राम मंदिर से दूरी 2 किमी
महत्व – अयोध्या में 14 प्राचीन घाट हैं। हर घाट से जुड़ी कु छ प्राचीन मान्यताएं है। पर्व के समय इन घाटों पर भक्त पवित्र स्नान करने जुटते ह
मणिराम दास छावनी– राम मंदिर से दूरी 1 किमी
महत्व- इस मंदिर में आमने-सामने दो हवेलियां हैं। यहां के वाल्मिकी जी
भवन की दो मंजिलों की दीवारों पर संपूर्ण वाल्मीकि रामायण अंकित है।
रामलला सदन- राम मंदिर से दूरी 1 किमी
महत्व- अयोध्या में यह पहला ऐसा मंदिर है, जिसे द्रविड़ शैली में बनाया
गया है। यह भगवान श्रीराम के कुलदेवता भगवान विष्णु के स्वरूप
भगवान रंगनाथन का मंदिर है।
दशरथ महल– राम मंदिर से दूरी 700 मी टर
महत्व- राजा दशरथ ने यह महल बनवाया था, हालांकि बाद में इसका
कई बार जीर्णोद्धार हुआ। यहां भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और
भरत की मूर्तियां हैं।
रंग महल– राम मंदिर से दूरी 1 किमी
महत्व- इस मंदिर के संत खुद को सीताजी की सखी मानते हैं। मान्यता है कि विवाह के बाद इस मंदिर में माता सीता की मुंह दिखाई रस्म हुई थी।