Acharya Satyendra Das Death: राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में अहम भूमिका निभाने वाले आचार्य सत्येंद्र दास के निधन के बाद अयोध्या में शोक की लहर है। आचार्य सत्येंद्र दास का पार्थिव शरीर उनके आवास अयोध्या लाया गया है। संतों, श्रद्धालुओं और स्थानीय नेताओं ने उनके अंतिम दर्शन किए। आचार्य सत्येंद्र दास के पार्थिव शरीर को श्री राम जन्मभूमि परिसर में ले जाया गया, जहां उन्होंने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा रामलला के मंदिर निर्माण और विवाद के निपटारे में समर्पित किया है।
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सरयू नदी में जल समाधि दी जाएगी
आचार्य सत्येंद्र दास के अंतिम संस्कार की तैयारियां शनिवार को होने वाली जल समाधि के लिए की जा रही हैं। उनके परिवार और शिष्यों ने बताया कि उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार, उन्हें सरयू नदी में जल समाधि दी जाएगी।
#WATCH अयोध्या: श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का पार्थिव शरीर उनके आवास पर लाया गया। pic.twitter.com/wv4Pryu7pB
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 12, 2025
उनका निधन हम सभी के लिए एक अपूरणीय क्षति है-इकबाल अंसारी
इस दौरान स्थानीय नेता और समाजसेवी इकबाल अंसारी ने भी आचार्य सत्येंद्र दास को श्रद्धांजलि अर्पित की। अंसारी ने कहा, “आचार्य जी ने अयोध्या के सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका निधन हम सभी के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
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आचार्य सत्येंद्र दास राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में हिंदू पक्ष के प्रमुख वकीलों में से एक थे। उन्होंने रामलला के हक में सुप्रीम कोर्ट में दलीलें पेश कीं और मंदिर निर्माण के लिए लंबे समय तक संघर्ष किया। उनके निधन से अयोध्या के साथ-साथ पूरे देश के संत समाज और रामभक्तों में शोक की लहर है।
उनके अंतिम संस्कार के लिए अयोध्या में बड़ी संख्या में संत, श्रद्धालु और स्थानीय निवासी एकत्र हो रहे हैं। सरयू नदी के तट पर उनकी जल समाधि के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। आचार्य सत्येंद्र दास के योगदान को याद करते हुए अयोध्या के लोगों ने उन्हें सच्चे रामभक्त और धर्मनिष्ठ संत के रूप में याद किया।