मैसूरु। Ayodhya Mandir: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सोमवार को बताया कि राज्य के जाने माने मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई ‘रामलला’ की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या में निर्मित भव्य राम मंदिर में की जाएगी।
Karnataka sculptor Yogiraj Arun's Ram Lalla to be installed in Ayodhya on Jan 22, mother calls it 'happiest moment'
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— ANI Digital (@ani_digital) January 2, 2024
राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया जाना है। येदियुरप्पा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपनी खुशी साझा करते हुए कहा, ‘‘मैसूरु के मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई भगवान राम की मूर्ति को अयोध्या के भव्य श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए चुना गया है। इससे राज्य के श्रीराम का गौरव और प्रसन्नता दोगुनी हो गई है। ‘मूर्तिकार योगीराज अरुण’ को हार्दिक बधाई।’’
मैसूरु का गौरव
येदियुरप्पा के बेटे और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने भी राज्य और मैसूरु को गौरवान्वित करने के लिए योगीराज की सराहना की। विजयेंद्र ने कहा, ‘यह मैसूरु का गौरव है, कर्नाटक का गौरव है कि अद्वितीय मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई रामलला की मूर्ति (Ayodhya Mandir Murti ) 22 जनवरी को अयोध्या में स्थापित की जाएगी।’’
#WATCH | Mysuru, Karnataka: Visuals from the residence of sculptor Arun Yogiraj.
The idol of Lord Rama, carved by Arun Yogiraj will be installed in Ayodhya Ram Temple. pic.twitter.com/se3EwfKszW
— ANI (@ANI) January 2, 2024
उन्होंने कहा कि कर्नाटक का भगवान राम से गहरा संबंध है क्योंकि किष्किंधा इसी राज्य में स्थित है। वह किष्किंधा ही है जहां राम के परम भक्त हनुमान का जन्म हुआ था।योगीराज ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि उन्हें अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है कि उन्होंने जो मूर्ति बनाई थी उसे स्वीकार कर लिया गया है या नहीं। हालांकि, भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने ‘एक्स’ पर संदेश पोस्ट किया था, जिससे उन्हें विश्वास हो गया कि उनके काम को स्वीकार कर लिया गया है।
उनके अनुसार, वह ‘रामलला’ की मूर्ति (Ayodhya Mandir Murti ) तराशने के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा चुने गए तीन मूर्तिकारों में से थे। योगीराज ने कहा, ‘मुझे प्रसन्नता है कि मैं देश के उन तीन मूर्तिकारों में शामिल था, जिन्हें ‘रामलला’ की मूर्ति तराशने के लिए चुना गया था।’’
केदारनाथ में स्थापित आदि शंकराचार्य की मूर्ति और दिल्ली में इंडिया गेट के पास स्थापित की गई सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति बनाने वाले प्रसिद्ध मूर्तिकार ने कहा कि उनके लिए चुनौती आसान नहीं थी। योगीराज ने कहा, ‘‘मूर्ति एक बच्चे की बनानी थी, जो दिव्य हो, क्योंकि यह भगवान के अवतार की मूर्ति (Ayodhya Mandir Murti) है। जो लोग मूर्ति को देखते हैं उन्हें दिव्यता का एहसास होना चाहिए।
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