नयी दिल्ली, 18 जनवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि पीएमसी बैंक के जमाकर्ताओं के द्वारा पैसे की निकासी पर उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार आपात स्थितियों में चिकित्सा और शैक्षिक आवश्यकताओं के लिये अपवाद के रूप में रास्ते बनाए सकते हैं।
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने उन जमाकर्ताओं से रिजर्व बैंक के द्वारा नियुक्त प्रशासक से एक बार फिर संपर्क करने और उन्हें चिकित्सा व शिक्षा समेत अपनी अन्य आपात जरूरतों के बारे में तीन सप्ताह के भीतर बताने को कहा। इन आवश्यकताओं को न्यायालय के समक्ष दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) में रेखांकित किया गया है।
पीठ ने प्रशासक को जमाकर्ताओं के आवेदनों पर गौर करने और दो सप्ताह के भीतर निर्णय लेने को कहा। पीठ ने कहा कि प्रशासक इस बारे में 26 फरवरी को सुनवाई की अगली तारीख से पहले अदालत को अवगत भी करायें।
सुनवाई के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अदालत को बताया कि शीर्ष अदालत ने उसे जमाकर्ताओं की शैक्षिक और चिकित्सा आवश्यकताओं पर विचार करने के लिये कहा है।
आरबीआई ने कहा कि उसके निर्देश केवल चिकित्सा आपात स्थितियों पर विचार करने की अनुमति प्रदान करते हैं, न कि शैक्षिक आपात स्थितियों के बारे में जो कि सभी के साथ होती हैं।
हालांकि, पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत ने स्पष्ट रूप से चिकित्सा और शैक्षिक दोनों आपात स्थितियों का उल्लेख किया है।
भाषा सुमन मनोहर
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