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AVAS System Electric Vehicles: EV अब नहीं रहेंगे 'साइलेंट', AVAS सिस्टम लगाना होगा जरूरी, मंत्रालय का नया प्रस्ताव

AVAS System Electric Vehicles: भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती संख्या के बीच सरकार ने सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। अब सभी नए और मौजूदा ईवी मॉडलों में AVAS सिस्टम लगाना अनिवार्य किया जाएगा।

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Shaurya Verma
AVAS System Electric Vehicles pedestrial safety mandatory rule Morth hindi news zxc

हाइलाइट्स

  • इलेक्ट्रिक वाहनों में अब अनिवार्य होगा AVAS सिस्टम
  • 2026 से नए और 2027 से मौजूदा EV पर लागू होगा नियम
  • सड़क सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार का बड़ा कदम
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AVAS System Electric Vehicles: सड़क पर हर एक जान की कीमत है और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (Electric Mobility) की ओर बढ़ते कदम के साथ-साथ सुरक्षा सुनिश्चित करना भी बेहद जरूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने बड़ा फैसला लिया है। मंत्रालय ने Acoustic Vehicle Alerting System (AVAS) को अनिवार्य करने का मसौदा अधिसूचना जारी की है। इस नियम का उद्देश्य है कि इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) को पैदल यात्रियों और अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए और सुरक्षित बनाया जा सके।

दो चरणों में लागू होगा नियम

ड्राफ्ट अधिसूचना के मुताबिक, यह नियम दो चरणों में लागू किया जाएगा:

  • पहला चरण: 1 अक्टूबर 2026 से लॉन्च होने वाले सभी नए इलेक्ट्रिक वाहन मॉडलों में AVAS सिस्टम लगाना अनिवार्य होगा।

  • दूसरा चरण: 1 अक्टूबर 2027 से मौजूदा इलेक्ट्रिक वाहन मॉडलों पर भी यह नियम लागू कर दिया जाएगा।

यह नियम कैटेगरी M और N के वाहनों पर लागू होगा। कैटेगरी M में यात्री परिवहन वाले वाहन (जैसे कार और बस) और कैटेगरी N में माल परिवहन वाले वाहन (जैसे इलेक्ट्रिक ट्रक) शामिल होंगे। अधिसूचना के अनुसार, इन वाहनों में लगा AVAS सिस्टम AIS-173 मानक के अनुरूप होना चाहिए और श्रव्यता (Audibility) से संबंधित सभी शर्तों को पूरा करना होगा।

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क्या है AVAS सिस्टम और क्यों है ज़रूरी?  

[caption id="attachment_905203" align="alignnone" width="1010"]publive-image पता चलेगा की पीछे से वाहन आ रहा है या नहीं[/caption]

Acoustic warning system AVAS | HELLA | HELLAAcoustic warning system AVAS | HELLA | HELLA

ऑकूस्टिक व्हीकल अलर्टिंग सिस्टम (AVAS) एक सुरक्षा तकनीक है, जिसे खासकर इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों (EVs and Hybrid Vehicles) के लिए डिज़ाइन किया गया है। पारंपरिक ईंधन वाले वाहनों के मुकाबले इलेक्ट्रिक वाहन बेहद शांत चलते हैं, जिससे पैदल यात्री, साइकिल सवार और खासकर नेत्रहीन एवं बुजुर्ग लोग उन्हें पहचान नहीं पाते।

AVAS एक कृत्रिम ध्वनि उत्पन्न करता है, जो वाहन की गति और दिशा के साथ बदलती है। इससे सड़क पर मौजूद लोग वाहन की स्थिति और रफ्तार का अंदाजा आसानी से लगा पाते हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा कम हो जाता है।

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किन गाड़ियों पर होगा असर?

  • कैटेगरी M: यात्री परिवहन वाले वाहन, जैसे इलेक्ट्रिक कारें और बसें।

  • कैटेगरी N: मालवाहक वाहन, जैसे इलेक्ट्रिक ट्रक और वाणिज्यिक वाहन।

इन वाहनों में AVAS को अनिवार्य रूप से फिट करना होगा ताकि सड़क सुरक्षा मानकों को बेहतर बनाया जा सके।

भारत वैश्विक सुरक्षा मानकों की ओर 

[caption id="attachment_905226" align="alignnone" width="1045"]publive-image अब इलेक्ट्रिक वाहन से भी चलते समय आवाज आना होगा अनिवार्य[/caption]

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Acoustic warning system AVAS | HELLA | HELLA

यह कदम भारत को ग्लोबल रोड सेफ्टी स्टैंडर्ड (Global Road Safety Standard) के करीब ले जाएगा। अमेरिका, जापान और यूरोपीय संघ के कई देशों में AVAS सिस्टम पहले से ही कानूनी रूप से अनिवार्य है। भारत का यह कदम न केवल सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में मदद करेगा बल्कि EV सेफ्टी स्टैंडर्ड (EV Safety Standard) को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत बनाएगा।

एक नजर में 

केंद्र सरकार का यह निर्णय भारत में बढ़ते इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles in India) की संख्या के साथ सुरक्षा सुनिश्चित करने का एक बड़ा कदम है। AVAS सिस्टम को अनिवार्य करना न केवल तकनीकी दृष्टिकोण से एक सकारात्मक बदलाव है, बल्कि यह भारत के सड़क सुरक्षा मिशन (Road Safety Mission of India) को भी नई दिशा देगा।

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