नई दिल्ली। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निस्तारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने चेक गणराज्य स्थित एक ऑटोमोबाइल उत्पादन कंपनी की भारतीय सब्सिडियरी को निर्देश दिया है कि वह उस व्यक्ति को पांच लाख रुपये मुआवजा दे जिसकी कार में 14 साल पहले आग लग गई थी। महाराष्ट्र के निवासी एक व्यक्ति ने दावा किया था कि मई 2007 में जब उसका भाई और परिवार रामपुरी से नागपुर लौट रहे थे तब कार चालक ने कार के बोनट से धुआं निकलता देखा और इसके 20-25 मिनट के भीतर ही कार ने आग पकड़ ली।
व्यक्ति ने दावा किया था कि उसे 15 लाख रुपये का नुकसान हुआ जिसमें से बीमा कंपनी ने 10,99,000 रुपये का भुगतान कर दिया। इसके बाद व्यक्ति ने मानसिक तौर पर हुई परेशानी के लिए कार उत्पादक कंपनी से एक करोड़ रुपये का हर्जाना मांगते हुए शिकायत दर्ज कराई। राज्य उपभोक्ता विवाद निस्तारण आयोग ने 2015 में इस आधार पर उसकी शिकायत रद्द कर दी, कि कार में उत्पादन से संबंधित कोई गड़बड़ी साबित नहीं हो पायी। इसके बाद व्यक्ति ने इस आदेश के विरुद्ध एनसीडीआरसी में अपील दायर की।
एनसीआरडीसी के अध्यक्ष और सदस्य राम सूरत राम मौर्य ने कहा कि व्यक्ति को ‘गैर-आर्थिक’ नुकसान हुआ इसलिए उसे पांच लाख रुपये का मुआवजा मिलना चाहिए क्योंकि कार उत्पादक कम्पनी की सेवा में कमी पाई गई। आयोग ने 29 सितंबर को दिए आदेश में कम्पनी को निर्देश दिया कि वह पांच लाख रुपये मुआवजे की रकम का भुगतान शिकायतकर्ता को करे और साथ में घटना की तिथि से नौ प्रतिशत वार्षिक ब्याज तथा दो महीने में एक लाख रुपये अदा करे।