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August Panchak End 2023: कल इतने बजे समाप्त हो रहे हैं पंचक, टेंशन फ्री होकर कर पाएंगे ये काम

August Panchak End 2023: 3 अगस्त रविवार को इतने बजे समाप्त हो रहे हैं पंचक, टेंशन फ्री होकर कर पाएंगे ये काम

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Preeti Dwivedi
August Panchak End 2023: कल इतने बजे समाप्त हो रहे हैं पंचक, शुरू कर सकेंगे ये काम

August Panchak End 2023: 30 अगस्त से शुरू हुए पंचक कल 3 सितंबर को सुबह समाप्त हो रहे हैं। यदि आप भी कोई शुभ या जरूरी काम करने की सोच रहे हैं आपको बता दें कल पंचकों के उतरते ही ये काम शुरू किए जा सकते हैं। आइए जानते हैं कि कल कितने बजे पंचक समाप्त हो रहे हैं।

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30 अगस्त को इतने बजे से समाप्त होंगे पंचक

ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद के अनुसार 30 अगस्त को सुबह 10:25 मिनिट से शुरू हुए पंचक पांच दिन बाद कल 3 सितंबर को सुबह 10:25 मिनट बजे समाप्त हो रहे हैं।

इस बार के पंचक थे राज पंचक

ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार अगस्त में राज पंचक (August Panchak 2023) लगे थे। जब पंचक सोमवार या बुधवार से शुरू होते हैं, तो उन्हें राज पंचक कहा जाता है। इस बार पंचक 30 अगस्त बुधवार से शुरू हुए थे इसलिए उन्हें राज पंचक कहा गया था।

पंचक से जुड़े जरूरी नियम

पंचक के समय लकड़ी या फिर लकड़ी से बने सामान को खरीदना या घर पर बनवाना नहीं चाहिए।

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पंचक में चारपाई बुनवाने और घर की छत ढलवाने की भी विशेष रूप से मनाही है।

पंचक के दौरान यदि बहुत जरूरी न हो तो दक्षिण दिशा की यात्रा भूलकर नहीं करवाना चाहिए। दरअसल, दक्षिण को यम की दिशा माना गया है।

इसी प्रकार पंचक के समय घर की पेंटिंग का कार्य नहीं शुरु करना चाहिए।यदि ये कार्य करवाने हों तो आप पंचांग की मदद से पंचक की जानकारी लेकर आगे–पीछे करवा सकते हैं।

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पंचक के दौरान किसी परिजन की मृत्‍यु हो जाए तो उसका अंतिम संस्‍कार खास विधि से करना चाहिए। उसके साथ 4 मोतिचूर के लड्डू या नारियल रख देना चाहिए। इससे परिवार का संकट टल जाता है।

आखिर क्या होते हैं पंचक

ज्योतिष में कुछ नक्षत्रों को अत्यंत अशुभ मानते हुए उसमें कोई भी शुभ कार्य की शुरुआत नहीं की जाती है। ज्योतिष के अनुसार धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद एवं रेवती समेत पांच नक्षत्रों की युति अत्यंत ही अशुभ मानी जाती है।

ज्योतिष के अनुसार कुंभ और मीन राशि में चंद्रमा को गोचर पंचक कहलाता है। ऐसा माना जाता है कि पंचकों में घर के किसी सदस्य की मृत्यु होने पर परिवार को भी मृत्यु तुल्य कष्ट को भोगना पड़ता है।

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पंचकों में मृत्यु होने पर क्या होता है

रावण की मृत्‍यु भी पंचक काल में हुई थी। मान्‍यता है कि यदि किसी व्‍यक्ति की मृत्‍यु पंचक में हो जाए तो उसके खानदान के 5 सदस्‍यों की या तो मृत्‍यु हो जाती है या उन्‍हें मृत्‍यु जैसा कष्‍ट भुगतना पड़ता है। ज्योतिष पंडित राम गोविन्द शास्त्री के अनुसार पंचक के दौरान कुछ विशेष कार्य भूलकर भी नहीं करना चाहिए।

कितने प्रकार का होता है पंचक

पंचांग के अनुसार यदि पंचक रविवार को पड़े तो रोग पंचक और सोमवार को पड़े तो राज पंचक कहलाता है। इसी प्रकार यदि पंचक मंगलवार को पड़े तो अग्नि पंचक और शुक्रवार को पड़े तो चोर पंचक कहलाता है। जबकि शनिवार के दिन पड़े वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाता है। इसके अलावा बुधवार और गुरुवार को सोमवार और मंगलवार के पंचक को माना जा सकता है।

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