Indore News: मध्यप्रदेश का इंदौर हमेशा कुछ नया करने के लिए जाना जाता है। इसी क्रम में अब इंदौर में सरकार अधिकारी और कर्मचारियों के लिए डिजिटल अटेंडेंस की व्यवस्था लागू की गई है। यहां पहले चरण में कलेक्ट्रेट में बायोमैट्रिक अटेंडेंस अनिवार्य की गई। यानी अक कार्यालय ड्यूटी पर आने और वापस जाते वक्त बायोमैट्रिक मशीन से अटेंडेंस ही लगानी होगी। यदि अटेंडेंस नहीं लगाई तो उस दिन का वेतन ही जनरेट नहीं होगा। कलेक्टर सहित सभी अधिकारी- कर्मचारी इसके दायरे में आएंगे।
यहां बता दें, इससे पहले उत्तर प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की अटेंडेंस बायोमैट्रिक मशीन से लगाने की व्यवस्था को सरकार को विरोध के बाद वापस लेना पड़ा था।
डिजिटल अटेंडेंस की व्यवस्था सबसे पहले कलेक्ट्रेट में लागू
इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि सोमवार से कलेक्टर कार्यालय में अटेंडेंस की यह नई व्यवस्था लागू कर दी गई है। कलेक्ट्रेट कार्यालय के सभी विभागों के अधिकारी और कर्मचारियों पर यह व्यवस्था लागू होगी। पहले यह प्रयोग कलेक्ट्रेट में किया गया है। इसके बाद धीरे-धीरे इसे अन्य सभी विभागों और सरकारी कार्यालयों में भी लागू किया (Indore News) जाएगा।
UP में वापस हो चुका है शिक्षकों की डिजिटल अटेंडेंस का फैसला
इंदौर (Indore News) में लागू व्यवस्था उत्तर प्रदेश के चर्चित केस की तरह ही है। बता दें कि 8 जुलाई को योगी सरकार ने शिक्षकों के बायोमैट्रिक (डिजिटल) अटेंडेंस को लागू किया था। बाद में शिक्षकों के भारी विरोध के बाद यूपी सरकार ने इस फैसले का वापस लिया था।
कलेक्ट्रेट में 6 बायोमैट्रिक मशीनें लगाई गईं
कलेक्टर कार्यालय में अटेंडेंस दर्ज करने के लिए अभी 6 बायोमैट्रिक थंब मशीनें लगाई गई हैं। यहां सभी विभागों के कर्मचारियों को निर्धारित समय पर कार्यालय उपस्थित होना होगा और अपने अंगूठे की निशानी दर्ज करानी होगी।
पहले विरोध के कारण नहीं हुआ लागू
जानकारी के मुताबिक जिला प्रशासन इस डिजिटल अटेंडेंस को धीरे-धीरे लागू करना चाहता है। इस तरह की अटेडेंस के लिए पहले प्रयोग हुए थे, लेकिन विरोध के कारण हर बार मामला टल जाता था। इस बार कलेक्टर ने इसे एकसाथ सभी कर्मचारियों पर लागू करने के बजाय पहले अपने यहां (कलेक्ट्रेट) लागू किया है।
इसके बाद शिक्षा विभाग, महिला बाल विकास, आदिवासी विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, राजस्व के मैदानी स्टाफ आदि सभी पर लागू कर दिया जाएगा। यह अहसास कराएंगे कि खुद अफसर दायरे में हैं तो फिर बाकी को दिक्कत नहीं होना (Indore News) चाहिए।
यूपी में इसलिए लेना पड़ा था आदेश वापस
यूपी में योगी सरकार ने प्राइमरी स्कूलों में 8 जुलाई से शिक्षकों की बायोमेट्रिक हाजिरी का आदेश जारी किया था। इसके बाद शिक्षक सड़क पर उतर गए। धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। विरोध के बाद राज्य सरकार ने आधे घंटे का अतिरिक्त समय दिया।
तकनीकी दिक्कत आने पर कभी भी हाजिरी लगाने की छूट दी, लेकिन शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन जारी रखा। इसके बाद योगी सरकार डिजिटल अटेंडेंस को लेकर बैकफुट पर आ गई है। सरकार ने यह फैसला वापस लिया। यूपी में प्राइमरी स्कूलों में शिक्षा मित्र से लेकर टीचर तक की संख्या 6 लाख 9 हजार 564 हैं।
कर्मचारियों में सबसे ज्यादा चर्चा
अब चर्चा चल पड़ी है कि यदि डिजिटल अटेंडेंस की व्यवस्था इंदौर में सफल हो गई तो प्रदेश सरकार इसे पूरे राज्य में लागू कर सकती है। इसे लेकर कर्मचारी संगठन भी मंथन में लग गए हैं । हालांकि, जैसे-जैसे डिजिटलाइजेशन बढ़ रहा है, इसे अपनाने में लोग सहज होते जा रहे हैं। जहां तक सरकारी महकमे में इसके लागू होने से कर्मचारियों पर एक तरह से मामूली अंकुश जरूर लग जाएगा।
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