नई दिल्ली। ATM PIN FACT वैसे तो एटीएम ATM PIN Code Knowledge आजकल एक नॉर्मल शब्द हो गया है। एटीएम ने लोगों का काम आसान कर दिया है। छोटे—छोटे कामों के लिए अब बैंकों के चक्कर नहीं लगाने होते हैं। अचानक से पैसे की जरूरत पड़ जाए तो एटीएम को पहले विकल्प के रूप में देखा जाता है। लेकिन इसके बारे में कुछ और बातें हैं जो शायद आप नहीं जानते हैं। इसके फायदे तो सभी को पता है। पर क्या आपके इसके नुकसान जानते हैं। आपको पता है कि एटीएम बनवाने की न्यूनतम आयु क्या होती है। पर क्या आप जानते हैं ATM Knowledge इसका कोड चार ही नहीं बल्कि 6 अंकों का भी होता है
एटीएम क्या है?
एटीएम एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है। इसका पूरा नाम Automated Teller Machine है। हिन्दी मे इसे स्वचालित गणक मशीन कहा जाता है। इसकी मदद से ब्रांच जाए बिना पैसे निकाले जा सकते हैं। जिसके पास एक डेबिट कार्ड होता है वह एटीएम का उपयोग कर सकता है। एटीएम पैसे निकालने, बिल भरने, दूसरे अकाउंट मे पैसे ट्रांसफर करने, रजिस्टर्ड मोबाईल नंबर बदलने आदि सभी सुविधाएं दी जाती है। इसका उपयोग करने के लिए बैंक ग्राहक को ATM या डेबिट कार्ड देता है।
इसमें एक मगनेटिक चिप लगी होती है। इसमें अकाउंट होल्डर के की सभी जानकारी होती है। नए तरह के कार्डों में मेगनेटिक पट्टी से साथ चिप भी आने लगी है जो एक सर्किट की तरह काम करती है। जिसकी सहायता से एटीएम कार्ड संबंधी जानकारी और उसकी सेवाए दे पाता है। समझ पाता है की ये कार्ड किस अकाउंट से जुड़ा है और इसमे किस तरह की सेवाये उपलब्ध है।
ये है एटीएम का पूरा नाम
एटीएम का पूरा नाम होता है। Automated Teller Machine है। जिसे हिन्दी में स्वचालित गणक मशीन भी कहा जाता है। एटीएम का आविष्कार John Shepherd-Barron और Donald Wetzel द्वारा किया गया। कई देशों मे इसे पाइंट (Cash Point), बैंनकोमैट (Bankomat) भी कहते हैं।
क्या अंतर है डेबिट कार्ड और एटीएम में
डेबिट कार्ड और एटीएम कार्ड में अंतर है। डेबिट कार्ड से ATM मशीन से पैसे निकालने के साथ—साथ Online पेमेंट भी किया जा सकता है। तो वहीं एक एटीएम कार्ड का इस्तेमाल केवल एटीएम से पैसे निकालने की लिए ही कर सकते हैं। इसे Online पेमेंट के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता। डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए आजकल भारत में बैंकों द्वारा एटीएम कार्ड की जगह डेबिट कार्ड ही दिया जाने लगा है। इसे बैंक डिजिटल पेमेंट कंपनियों जैसे MasterCard, Visa, Rupay Card के साथ मिलकर जारी करती है। जबकि एटीएम कार्ड को बैंक बिना किसी की मदद से स्वयं जारी कर सकता है।
एटीएम का इतिहास
एटीएम यानि की ऑटोमैटिक टेलर मशीन के आविष्कार का श्रेय जॉन शेफर्ड बैरन (John Shepherd-Barron) को जाता है। इस मशीन को दुनिया में ATM के अलावा कैश पाइंट (Cash Point), बैंनकोमैट(Bankomat) के नाम से भी जानते हैं। एटीएम मशीन का शुरुआत 1960 मे हुई थी हालांकि उस समय की एटीएम मशीन मे काफी कमिया थी और यदि कारण था की citibank के ग्राहकों को ये मशीन बिल्कुल पसंद नहीं आई, इसके बाद आधुनिक युग की ATM मशीन का प्रयोग 27 जून 1967 मे लंदन के बार्केले बैंक ने किया था।
प्रारंभिक समय में इसकी सुविधा कुछ ही कस्टमर्स के पास थी। ऐसा माना जाता है कि बैरन अपनी पत्नि की सलाह पर एटीएम कार्ड का पिन 4 अंकों का रखना चाहते थे। उनके अनुसार लोग 6 अंकों के पिन को जल्दी भूल जाते हैं। तभी बैरन ने एटीएम पिन को 4 अंकों का रखा। तब से आज तक 4 अंकों का एटीएम पिन ही इस्तेमाल किया जाता रहा है। भारत मे पहली बार एटीएम की सुविधा 1987 में शुरू थी। पहला एटीएम हॉगकॉग एंड शंघाई बैंकिंग कॉरपोरेशन (एचएसबीसी) द्वारा मुंबई में लगाया गया था।
कितने प्रकार के होते हैं एटीएम डेबिट कार्ड
पेमेंट प्लेटफॉर्म के, इस्तेमाल, टेक्नॉलजी के आधार पर डेबिट कार्ड को बांटा गया है। यहां बताए जा रहे कार्ड के प्रकार डेबिट कार्ड के आधार पर हैं।
1) Rupay Debit Card
ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए उपयोग किए जाने वाले इस कार्ड से पेमेंट करने पर सबसे कम चार्ज काटा जाता है। रुपए डेबिट कार्ड इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट मे एक मात्र भारत का घरेलू पेमेंट सिस्टम है। इसे 2012 मे NPCI ने लॉन्च किया था। यह अन्य कार्ड की तुलना में सस्ता है। इसे भारत के बाहर उपयोग नहीं किया जा सकता। अत: भारत में ही लेन—देन करने वालों के लिए यह अच्छा विकल्प है।
2) Visa Debit Card
अगर आप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डेबिट कार्ड उपयोग करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको Visa Debit Card का उपयोग करना होगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार किए जाने वाला डेबिट कार्ड है। इसे सभी तरह के ऑनलाइन और इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन के लिए उपयोग किया जा सकता है। पूरी दुनिया में अपनी सेवाएं देनी वाली यह एक अमेरिकी कंपनी है। बैंक मुख्यत Visa Classic Debit Card, Visa Gold Debit Card, Visa Platinum और Visa Signature Debit Card ग्राहकों को इशू करती है। वैसे ये कई तरह के होते हैं।
6 अंकों का पिन ज्यादा सुरक्षित
जैसा कि जानते हैं 4 अंकों के पिन 0000 से 9999 के बीच होते हैं। इससे 10000 अलग-अलग पिन नंबर रखे जा सकते हैं, जिनमें 20% पिन हैक किए जा सकते हैं। लेकिन आपको बता दें ये थोड़ा मुश्किल होता है। लेकिन आपको बता दें कि 6 अंकों के पिन के मुकाबले 4 अंकों का पिन थोड़ा कम सुरक्षित होता है। इस लिहाज से कह सकते हैं कि 6 अंकों का एटीएम ज्यादा सुरक्षित होता है।