Atique Ahmed LIVE : उत्तरप्रदेश का माफिया अतीक अहमद का सफर जारी है। अतिक को साबरमती से प्रयागराज लाया जा रहा है। अतीक का काफिला राजस्थान के कोटा से निकलकर मध्यप्रदेश के शिवपुरी से निकलकर यूपी के झांसी से काफिला निकल चुका है। खबरों के अनुसार बताया जा रहा है कि अतीक के काफिले में शमिल पुलिस अधिकारियों को अलर्ट जारी किया गया हैं। क्योंकि अतीक के काफिले में उसके गुर्गे घुसने की कोशिश कर सकते है।
अतीक के आतंकी की कहानी
आपको बता दें कि अतीक के आतंकी कहानी 1979 से शुरू हुई थी। अतीक पर सबसे पहले एक मामले में हत्या का आरोप लगा था। इसके बाद उसने करीब 10 साल बाद राजनीति में कदम रखा। राजनीति में अपने पैर जामाने के बाद उसका आतंक बढ़ता ही गया। अतीक पर 100 से ज्यादा हत्या, लूट, फिरौती, अपहरण जैसे मामले दर्ज हैं, लेकिन माना जा रहा है कि उमेश पाल हत्याकांड के मामले के बाद पहली बार ऐसा होगा जब अतीक को सजा सुनाई जा सकती है। अतीक का आतंक इतना था कि उसके खिलाफ गवाही देने वाले उसके नाम से खौफ खाते है।
अतीक कैसे बना डॉन?
अतीक कैसे अपराध से राजनीति की दुनिया में आया। इसे जानने के लिए हमें कुछ साल पीछे जाना होगा। साल 1987 के आसपास की बात है। इलाहाबाद शहर में चांद बाबा का दौर था। उसके नाम से लोगों के मन में खौफ पैदा हो जाता था। क्या नेता और क्या कारोबारी। सभी चांद बाबा के नाम से ही खौफ खाते थे। आलम ये था कि पुलिस और नेता इस चांद बाबा को मारना तो चाहते थे लेकिन हिम्मत किसी में नहीं थी। अब दो साल का वक्त गुजरा और अतीक अहमद का दबदबा बढ़ने लगा। वही अतीक अहमद बाहुबली बनने के लिए किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में था, ताकी उसे लोग जानने लगे।
अतीक ने की चांदबाबा की हत्या
अतीक ने इलाहाबाद के सबसे बड़े डॉन यानी बाहुबली का पता लगाया। तब पता चला 1989 में चांद बाबा का बड़ा नाम है। फिर उसी चांद बाबा की अतीक अहमद ने सनसनीखेज तरीके से हत्या कर डाली। अब जिस चांद बाबा से पुलिस और बड़े बड़े नेता खौफ खाते थे उसी का बेखौफ अंदाज में मर्डर कर दिया गया। कत्ल करने वाला अतीक अहमद अब खुद सबसे बड़ा बाहुबली बन गया। इसके बाद अतीक ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। समय बदलता गया, लेकिन अतीक का आतंक नहीं रूका साल 2002 में नस्सन की हत्या। साल 2004 में देश के जाने माने बीजेपी नेता और मंत्री रह चुके मुरली मनोहर जोशी के सबसे करीबी नेता अशरफ की हत्या। फिर 2005 में नए नए विधायक बने राजूपाल की हत्या कराकर अतीक अहमद यूपी की सियासत और देशभर में छा गया।
खौफ में गाड़ी से नहीं उतरा अतीक
आपको बता दें कि कल से अब तक माफिया अतीक का काफिला 9 बार रूक चुका है। बताया जा रहा है कि अतीक अहमद काफी खौफ में है। 9 बार रूके काफिले के दौरान वह सिर्फ 2 बार ही बाहर उतरा। जबकि 4 बार गाड़ी के ड्राइवरों की अदला-बदली की गई है। एसटीएफ की कोशिश है कि जल्दी से जल्दी अतीक को प्रयागराज पहुंचाया जाए।
1300 किमी का सफर तय करेगा काफिला
आपको बता दें कि प्रयागराज लाने के दौरान अतीक अहमद का काफिला करीब 1300 किलोमीटर का रास्ता तय करेगा। ये सफर 22 से 24 घंटे का है। अहमदाबाद से उदयपुर, कोटा, शिवपुरी, झांसी होते हुए अतीक को प्रयागराज लाया जा रहा है। अतीक को प्रयागराज के एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में 28 मार्च को पेश किया जाएगा। अतीक साल 2019 से साबरमती जेल में बंद था।
हाईटेक हथियारों से लैस अतीक का काफिला
अतीक को गुजरात से यूपी ला रही टीम हाईटेक हथियारों से लैस है। अतीक के काफिल में करीब 45 पुलिस के जवान शामिल हैं। साथ ही डीएसपी लेवल के अधिकारी भी मौजूद है। सबसे अहम बाद काफिले में पुलिस के 5 अधिकारियों के अलावा किसी को मोबाइल फोन रखने की इजाजत नहीं है।