Atiq Ashraf Case उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद तथा उसके भाई अशरफ की सरेशाम गोली मारकर हत्या किए जाने के मामले की जांच के लिये उत्तर प्रदेश पुलिस ने तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है
। एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने सोमवार को बयान में कहा कि प्रयागराज के पुलिस आयुक्त रमित शर्मा के निर्देश पर विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है।
शर्मा की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, ‘‘15 अप्रैल (शनिवार) को अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम ऊर्फ अशरफ की पुलिस हिरासत में हुई हत्या के मामले में शाहगंज में अभियोग पंजीक़त किया गया है, जिसकी जांच शाहगंज थाने के प्रभारी कर रहे हैं’।
इसमें कहा गया है, ‘‘उक्त मामले की जांच में, गवाहों के बयान/साक्ष्य (रिकॉर्डिंग) सुनिश्चित करने के लिए, अभिलेखीय/इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों का संकलन, वैज्ञानिक/फोरेंसिक साक्ष्यों का संकलन करने, विधि विज्ञान प्रयोगशाला से परीक्षण कराने और निष्पक्ष एवं गुणात्मक परक विवेचना जांच सुनिश्चित करने के प्रायोजन से यह विवेचना एक विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा करायी जाएगी।’’
बयान में कहा गया है कि प्रयागराज के अपर पुलिस उपायुक्त (अपराध) सतीश चंद्र मुख्य विवेचक होंगे। इसके दो अन्य सदस्यों में सहायक पुलिस आयुक्त कोतवाली सतेंद्र प्रसाद तिवारी तथा अपराध शाखा के विवेचना प्रकोष्ठ के निरीक्षक ओम प्रकाश शामिल हैं ।
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उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक आर के विश्वकर्मा की ओर से जारी एक अन्य बयान में कहा गया है कि गुणवत्तापूर्ण तथा समयबद्ध जांच सुनिश्चित करने के लिए तीन सदस्यीय निगरानी टीम का भी गठन किया गया है। बयान में कहा गया है कि प्रयागराज के अपर पुलिस महानिदेशक को इसका प्रमुख बनाया गया है ।
इसमें कहा गया है कि इसके दो अन्य सदस्यों में प्रयागराज के पुलिस आयुक्त तथा लखनऊ स्थित विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक शामिल हैं । इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर घटना की उच्च स्तरीय जांच के लिये रविवार को एक न्यायिक आयोग का गठन किया गया था।
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उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी (द्वितीय) की अगुवाई वाला यह आयोग दो महीने के अंदर पूरे प्रकरण की जांच कर शासन को रिपोर्ट सौंपेगा।
राज्य के सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक सुरेश कुमार सिंह और सेवानिवृत्त न्यायाधीश बृजेश कुमार सोनी इस आयोग के दो अन्य सदस्य हैं। गौरतलब हैं कि उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई एवं पूर्व विधायक अशरफ की शनिवार देर रात करीब 10 बजे पुलिस द्वारा चिकित्सा जांच कराकर वापस ले जाए जाते वक्त मीडिया से बातचीत के दौरान तीन हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी थी ।
घटना के बाद तीनों हमलावरों को पुलिसकर्मियों ने पकड़ लिया था। तीनों की पहचान बांदा के लवलेश तिवारी (22), हमीरपुर के मोहित उर्फ सनी (23) और कासगंज के अरुण कुमार मौर्य (18) के रूप में हुई है।
इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज में उमेश पाल और उसके दो सुरक्षाकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी । उमेश पाल हत्याकांड मामले में 13 अभियुक्तों में से अतीक, उसके भाई अशरफ और बेटे असद समेत अब तक छह आरोपी पुलिस के साथ मुठभेड़ या अन्य गोलीकांड में मारे जा चुके हैं।
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