नई दिल्ली। प्राचीन वैदिक शास्त्र के Atichari Budh Gochar 2022 अनुसार सूर्य चंद्र मंगल बुध बृहस्पति kanya me budh शुक्र और शनि यह 7 ग्रह budh rashi parivartan माने गए हैं। राहु और केतु budh ka gochar छाया ग्रह है। बुध ग्रह सूर्य का एक चक्कर 88 दिन में करते हैं। एक राशि में यह सामान्यतया 21 दिन रहते हैं। अगर वे किसी राशि में 21 दिन से ज्यादा रहते हैं तो उनको अतिचारी कहा जाता है। mp hindi news पंडित अनिल पांडे के अनुसार इस बार कन्या राशि में बुध अतिचारी रहेगा।
बुध की प्रकृति –
बुध एक अत्यंत शांत ग्रह है। यह मिथुन राशि और कन्या राशि का स्वामी होता है। भ्रमण काल के दौरान जब बुध कन्या राशि में आता है उच्च का कहा जाता है। कन्या राशि 16 से 20 अंश तक यह मूल त्रिकोण में माना जाता है। बुध मिश्रित स्वभाव का ग्रह है। पापी ग्रह के साथ होने पर यह पापी हो जाता है। इसे हरा रंग का माना जाता है।
बुध इस तारीख को होेने वाले हैं अतिचारी –
इस वर्ष लाला रामस्वरूप पंचांग के अनुसार 20 अगस्त के रात के 2ः17 से बुध का कन्या राशि में प्रवेश हो रहा है। इसी प्रकार पुष्पांजलि पंचांग के अनुसार 20 अगस्त को ही 2ः15 रात से कन्या राशि में बुध का प्रवेश होगा। भुवन विजय पंचांग के अनुसार 21 अगस्त को 53 घटी 58 पल पर बुद्ध कन्या राशि में प्रवेश कर रहे हैं। यहां पर 20 अगस्त की रात का आशय 20 और 21 अगस्त के बीच की रात्रि से है।
उच्च के बुध बढ़ने वाली हैं शक्तियां –
कोई भी राशि जब उच्च की होती है तो उसकी शक्तियों में भारी वृद्धि हो जाती है। इस प्रकार 21 अगस्त के बाद से बुद्ध की शक्तियों में भारी वृद्धि होगी।
कब-कब बदलेगी बुध की चाल –
लाला रामस्वरूप पंचांग के अनुसार बुध कन्या राशि में दिनांक 21 अगस्त से 1 अक्टूबर 2022 के 5ः56 रात तक सिंह राशि में रहेंगे ।उसके उपरांत पुनः 2 तारीख को ही 5ः11 रात अंत से कन्या में प्रवेश करेंगे और अंतिम रूप से 26 अक्टूबर को 1ः48 दिन से तुला राशि में गोचर करेंगे । इस प्रकार 65 दिन बुध उच्च की होकर कन्या राशि में रहेंगे ।
इस दिन हो जाएंगे वक्री –
कन्या राशि में रहने के दौरान बुद्ध 10 सितंबर के 7ः18 रात्रि से वक्री हो जाएंगे तथा 2 अक्टूबर को 9ः42 रात से मार्गी होंगे। इस प्रकार बुद्ध के उच्च होने का असर 10 सितंबर से 2 अक्टूबर तक नहीं रहेगा। वक्री होने के कारण बुध का प्रभाव सामान्य प्रभाव के विपरीत होगा। अर्थात अगर सामान्य में बुद्ध बहुत अच्छा कर रहे हैं तो वक्री होकर वे अच्छा नहीं कर पाएंगे।
इस अवधि के दौरान 12 सितंबर को बुध ग्रह सूर्य के प्रभाव में आने के कारण अस्त हो जाएंगे। 29 सितंबर को उदय होंगे। इसके उपरांत 23 अक्टूबर को बुध पुनः अस्त होंगे तथा तुला राशि में जाकर उदय होंगे। अस्त होने की अवधि में बुद्ध का किसी प्रकार का कोई प्रभाव नहीं होगा।
इस दिन से कम हो जाएगा बुध का प्रभाव –
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि हम जो भी फल राशि बार बताएंगे वह राशिफल 20 अगस्त से 12 सितंबर तक वही फल प्राप्त होगा। उसके उपरांत 12 सितंबर से 29 सितंबर तक बुध ग्रह का कोई प्रभाव नहीं रहेगा। इस इस अवधि में बताया गया फल शुन्य रहेगा। इसके उपरांत 2 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक बुध का उच्च प्रभाव रहेगा। इसके अलावा 23 अक्टूबर से 26 अक्टूबर तक बुद्ध का प्रभाव उल्टा होगा।
18 सितंबर से सूर्य और बुध एक ही राशि में रहकर बुधादित्य योग बनाएंगे। इस योग के कारण राशि के अनुसार सूर्य और बुध जिस भाव में होंगे उसमें वे उत्तम फल देंगे।
इस अवधि में गुरु और शनि ग्रह पहले से वक्री चल रहे हैं। राहु और केतु हमेशा वक्री रहते हैं। बुद्ध के भी वक्री हो जाने के कारण 9 ग्रहों में से 5 ग्रह वक्री रहेंगे और ये अद्भुत फल देंगे। इसके बारे में हम अलग से चर्चा करेंगे।
आइए अब हम राशिवार राशिफल की चर्चा करते हैं।
मेष राशि –
मेष राशि के जातकों के लिए बुध उनके छठे भाव में रहेगा। बीमारियां समाप्त हो जाएंगी। पराक्रम में वृद्धि होगी। कचहरी के कार्यों में असफलता हो सकती है।
वृष राशि –
इस बात की पूरी संभावना है कि 29 सितंबर से 23 अक्टूबर के बीच में आपके संतान को कुछ बहुत ही अच्छा प्राप्त हो। अगर आपकी संतान पढ़ रही है तो उसको बहुत अच्छे मार्क्स मिल सकते हैं। अगर नौकरी में है तो प्रमोशन भी हो सकता है। आपको भी धन की प्राप्ति होगी।
मिथुन राशि –
आपके सुख में वृद्धि होगी। माताजी का स्वास्थ्य ठीक रहेगा। आपका भी स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। व्यापार अच्छा चलेगा।
कर्क राशि –
भाइयों से आपके संबंध बहुत उत्तम होंगे। आपका भाग्य आपका साथ नहीं देगा।
सिंह राशि –
धन आने का उत्तम योग है। दुर्घटनाओं से बचें। 2 अक्टूबर से 23 अक्टूबर के बीच आपको अच्छा धन लाभ होना चाहिए।
कन्या राशि –
आपका स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। परंतु आपके जीवन साथी का स्वास्थ्य खराब हो सकता है। आपके अंदर क्रोध की मात्रा बढ़ सकती है। अगर आपकी जीवनसाथी पहले से फेफड़े या गले के रोग से पीड़ित हैं तो यह रोग इस अवधि में बढ़ सकता है।
तुला राशि –
कचहरी के कार्य में सफलता मिल सकती है। भाग्य उत्तम होगा। शत्रु बनेंगे।
वृश्चिक राशि –
धन आने का उत्तम योग है। 1 अक्टूबर से 23 अक्टूबर के बीच में आपको धन की अच्छी प्राप्ति हो सकती है। संतान को कष्ट हो सकता है।
धनु राशि –
अगर आप अधिकारी या कर्मचारी हैं तो आपके लिए कुछ अच्छा होगा। अगर प्रमोशन ड्यू है तो प्रमोशन हो सकता है। आपको अतिरिक्त कार्यभार मिल सकता है। आपका अपने कार्यालय में अच्छा मान सम्मान होगा। आपके जीवन साथी का स्वास्थ्य उत्तम रहेगा।
मकर राशि –
इस अवधि में आपका भाग्य आपका बहुत अच्छा साथ देगा। आपके कई कार्य भाग्य के सहारे हो सकते हैं। शत्रुओं के संख्या में वृद्धि हो सकती है।
कुंभ राशि –
दुर्घटनाओं से आप के बचने की उम्मीद है। आपके संतान के लिए या अवधि अत्यंत उत्तम रहेगी। धन आने में बाधा है परंतु धन आएगा।
मीन राशि –
अगर आप का विवाह नहीं हुआ है तो विवाह तय होने के बहुत उत्तम योग हैं। प्रेम संबंधों में वृद्धि होगी। व्यापार अत्यंत उत्तम चलेगा। आपके सुख में वृद्धि होगी।