नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी आज हिमाचल के रोहतांग में दुनिया के सबसे ऊंचाई वाली अटल टनल का उद्घाटन किया। 9.2 किमी लंबी और 10.5 मीटर चौड़ी ये टनल देश के लिए सामरिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण है। इस टनल के बनने के बाद मनाली और लेह की दूरी 46 किमी घट जाएगी साथ ही यात्रा में लगने वाला समय भी 4 से 5 घंटे कम हो गया है। भारी बर्फबारी की वजह से इस घाटी का छह महीने तक संपर्क टूट जाता है, लेकिन टनल के शुरू होने से मनाली और लाहौल-स्पीति घाटी अब पूरे 12 महीने जुड़े रहेगी।
#WATCH | Himachal Pradesh: PM Narendra Modi travels from South Portal of Atal Tunnel at Rohtang to North Portal of the tunnel located in Sissu, Lahaul Valley. (Source – DD) pic.twitter.com/JDbKdDk4iJ
— ANI (@ANI) October 3, 2020
सपना अब मोदी सरकार में साकार हुआ
टनल का साउथ पोर्टल मनाली से 25 किमी दूर स्थित है। वहीं, नार्थ पोर्टल लाहौल-स्पीति घाटी में सीसू गांव के तेलिंग गांव के नजदीक है। रोहतांग दर्रे के नीचे इसको बनाने का फैसला 3 जून 2000 को लिया गया था। इसकी आधारशिला 26 मई 2002 को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजयेपी ने रखी गई थी। उनका ये सपना अब मोदी सरकार में साकार हुआ है।
#WATCH | Himachal Pradesh: PM Narendra Modi inspects fireproof emergency egress tunnel built into the main Atal tunnel. pic.twitter.com/JQaitw9THx
— ANI (@ANI) October 3, 2020
ये है खासियत
अटल टनल की खासियत
2958 करोड़ रुपए खर्च आया
14508 मीट्रिक स्टील लगा
2,37,596 मीट्रिक सीमेंट का इस्तेमाल हुआ
14 लाख घन मीटर चट्टानों की खुदाई हुई
500 मीटर की दूरी पर इमरजेंसी एक्जिट
150 मीटर की दूरी पर 4-जी की सुविधा
‘अटल टनल’ से रोजाना 3000 कारें
1500 ट्रक 80 किमी प्रति घंटे की स्पीड से निकल सकेंगे
Himachal Pradesh: Prime Minister Narendra Modi travels from the South Portal of the Atal Tunnel at Rohtang to the North Portal of the tunnel located in Sissu, Lahaul Valley pic.twitter.com/igcX4mJ5eX
— ANI (@ANI) October 3, 2020
टनल में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम
‘अटल टनल’ में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। हर 150 मीटर की दूरी पर टेलीफोन की व्यवस्था की गई है ताकि आपात स्थिति में संपर्क स्थापित किया जा सके। हर 60 मीटर की दूरी पर अग्निशमन यंत्र रखे गए हैं। 250 की दूरी पर सीसीटीवी की व्यवस्था है। हवा जांचने के लिए हर 1 किलोमीटर पर मशीन लगी हुई हैं। बता दें कि पहले ये रिकॉर्ड चीन के नाम था। अटल टनल से पहले ये रिकॉर्ड चीन के तिब्बत में बनी सुरंग के नाम था। यह ल्हासा और न्यिंग्ची के बीच 400 किमी लंबे हाईवे पर बनी है। इसकी लंबाई 5.7 किमी है।