रोहतांग। पीएम नरेंद्र मोदी ने 3 अक्टूबर को हिमाचल के रोहतांग में दुनिया के सबसे ऊंचाई वाली अटल टनल का उद्घाटन किया था। अटल टनल Atal Tunnel Accident के उद्घाटन के 72 घंटे के अंदर यहां पर 3 हादसे हो गए। ये तीनों हादसे एक दूसरे से आगे निकलने की होड़, लापरवाही से ड्राइविंग करने और सेल्फी लेने के चक्कर में हुई। ब्रिगेडियर केपी पुरुषोत्तम के अनुसार उद्घाटन के 72 घंटे के बाद तीन हादसे हुए।
सीसीटीवी से पता चला है कि टनल के अंदर पर्यटक और वाहन चालक ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। वाहन चालकों ने सेल्फी लेने के लिए टनल के अंदर अपनी गाड़ियों को रोक दिया, जबकि टनल के अंदर किसी को गाड़ी खड़ी करने की इजाजत नहीं है। उन्होंने बताया कि सुरंग को डबल लेन किए जाने के बावजूद ओवरटेक करने की अनुमति भी नहीं है।
राज्य सरकार ने पुलिस को तैनात कर दिया
बीआरओ के चीफ इंजीनियर ने ब्रिगेडियर केपी पुरुषोत्तम ने बताया की तीन जुलाई को मुख्यमंत्री कार्यालय और 3 अक्टूबर को स्थानीय प्रशासन को एक पत्र लिखा था। पत्र में मुख्यमंत्री के सलाहकार सलाहकार-सह-प्रमुख निजी सचिव को संबोधित करते हुए स्पष्ट रूप से पुलिस की आवश्यकता बताई गई है। इसके साथ ही बीआरओ ने सिविल अधिकारियों से सुरंग में दमकल कर्मियों को तैनात करने के लिए कहा है।
केपी पुरुषोत्तम ने बताया की टनल में मोटर चालकों की निगरानी के लिए पुलिस की निगरानी के लिए तैनात नहीं है।जबकि पुलिस और अन्य लोगों की तैनाती होनी चाहिए। हालांकि बीआरओ द्वारा उठाए गए आपत्तियों के बाद राज्य सरकार ने पुलिस को तैनात कर दिया है।
3 अक्टूबर को पीएम ने किया था उद्घाटन
पीएम नरेंद्र मोदी ने 3 अक्टूबर को हिमाचल के रोहतांग में दुनिया के सबसे ऊंचाई वाली अटल टनल का उद्घाटन किया था। 9.2 किमी लंबी और 10.5 मीटर चौड़ी ये टनल देश के लिए सामरिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण है। इस टनल के बनने के बाद मनाली और लेह की दूरी 46 किमी घट जाएगी साथ ही यात्रा में लगने वाला समय भी 4 से 5 घंटे कम हो गया है। भारी बर्फबारी की वजह से इस घाटी का छह महीने तक संपर्क टूट जाता है, लेकिन टनल के शुरू होने से मनाली और लाहौल-स्पीति घाटी अब पूरे 12 महीने जुड़े रहेगी।