/bansal-news/media/post_attachments/wp-content/uploads/2024/07/Assam-News-1.jpg)
हाइलाइट्स
बाल विवाह के खिलाफ कानून लाएगी असम सरकार
मुस्लिम विवाह रजिस्ट्रार्स को मुआवजा देगी असम सरकार
UCC की ओर अब हिमंत सरकार के कदम
Assam News: असम सरकार ने राज्य में बाल विवाह पर रोक के लिए मुस्लिम विवाह एवं तलाक पंजीकरण कानून, 1935 खत्म कर दिया है। शुक्रवार देर रात हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया।
https://twitter.com/himantabiswa/status/1761098927145922907?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1761098927145922907%7Ctwgr%5Edade3db73cad5f53f8fa7b87fc8e766fc61eba68%7Ctwcon%5Es1_&ref_url=https%3A%2F%2Fwww.aajtak.in%2Findia%2Fnews%2Fstory%2Fassam-first-step-towards-ucc-himanta-government-decided-to-abolish-muslim-marriage-and-divorce-act-ntc-1885977-2024-02-24
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि '23 फरवरी को असम कैबिनेट ने एक अहम फैसला लेते हुए वर्षों पुराने असम मुस्लिम विवाह एवं तलाक पंजीकरण कानून को वापस ले लिया गया है।
इस कानून में ऐसे प्रावधान थे कि अगर दूल्हा और दुल्हन शादी की कानूनी उम्र यानी लड़कियों के लिए 18 साल और लड़कों के लिए 21 साल के नहीं हुए हैं, तो भी शादी को पंजीकृत कर दिया जाता था। यह असम में बाल विवाह रोकने की दिशा में अहम कदम है।'
हाईकोर्ट के रिटायर जज की अगुवाई में बनाई गई थी कमिटी
असम सरकार ने बहुविवाह रोकने के लिए कानून बनाने की तैयारी काफी पहले से कर ली थी। राज्य सरकार ने इसके लिए हाईकोर्ट के रिटायर जज वाली एक स्पेशल कमिटी बनाई थी। कमिटी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लाम में मुस्लिम पुरुषों की चार महिलाओं से शादी परंपरा अनिवार्य नहीं है।
असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने इस रिपोर्ट पर कहा था कि सभी सदस्यों की सर्वसम्मत राय है कि असम राज्य के पास बहुविवाह को समाप्त करने के लिए कानून बनाने की विधायी क्षमता है। असम सरकार अनुच्छेद 254 के तहत इस पर कानून बना सकती है।
हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के लागू होने के बाद हिंदुओं, बौद्धों और सिखों के बीच बहुविवाह को समाप्त कर दिया गया, ईसाइयों के बीच ईसाई विवाह अधिनियम, 1872 द्वारा और पारसियों के बीच पारसी विवाह और तलाक अधिनियम, 1936 द्वारा बहुविवाह को समाप्त कर दिया गया। हालांकि, बहुविवाह अभी भी जारी है।
'जल्द लागू करेंगे UCC'
असम में मुस्लिम विवाह अधिनियम को निरस्त होने पर मंत्री जयंत मल्लाबारूआ ने कहा कि हम जल्द ही समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने जा रहे हैं और कैबिनेट बैठक के दौरान असम मुस्लिम विवाह और तलाक अधिनियम 1935 को खत्म कर दिया है।
इस अधिनियम के माध्यम से मुस्लिम रजिस्टर मुस्लिम लोगों का पंजीकरण और तलाक कर रहे हैं, लेकिन ये अधिनियम राज्य कैबिनेट के फैसले के बाद खत्म हो गया है। यह यूसीसी के कार्यान्वयन की दिशा में हमारा पहला कदम है।
/bansal-news/media/agency_attachments/2025/10/15/2025-10-15t102639676z-logo-bansal-640x480-sunil-shukla-2025-10-15-15-56-39.png)
Follow Us
चैनल से जुड़ें