Martyr ASP Akash Rao Giripunje: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर मंगलवार को उस वक्त गमगीन हो उठी जब सुकमा में नक्सलियों द्वारा किए गए IED ब्लास्ट में शहीद हुए एडिशनल एसपी आकाश राव गिरिपुंजे की पार्थिव देह उनके निवास लाई गई। चंगोराभाठा से माने स्थित चौथी वाहिनी तक उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई।
इसमें मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (CM Vishnu Deo Sai pays tribute), विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह (Assembly Speaker Dr. Raman Singh), दोनों उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा और अरुण साव (Deputy Chief Ministers Vijay Sharma and Arun Sao), मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े (Minister Laxmi Rajwada) सहित तमाम वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए। मुख्यमंत्री समेत सभी नेताओं ने शहीद को कंधा देकर अंतिम विदाई दी।
पंचतत्व में विलीन हुए शहीद आकाश राव गिरिपुंजे
शहीद एएसपी आकाश राव गिरिपुंजे का महादेवघाट मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया गया। उनके बेटे ने उन्हें मुखाग्नि दी, इससे पहले परिजनों ने अंतिम संस्कार की सभी प्रक्रियाएं पूरी कीं। इस दौरान शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। शहीद आकाश राव गिरिपुंजे की शहादत को याद करते हुए लोगों ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।
शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर, नम आंखों से दी गई सलामी
माना पुलिस बटालियन में आयोजित राजकीय सम्मान समारोह में शहीद आकाश राव को गार्ड ऑफ ऑनर (Guard of honor to martyr Akash Rao) दिया गया। इस दौरान मंच पर सन्नाटा और आंखों में आंसू थे। शहीद की पत्नी ने कांपते हुए हाथों से उन्हें सैल्यूट किया, जबकि पिता गोविंद राव फफक कर रो पड़े। उन्होंने कहा, “बेटा (ASP Akash Rao Giripunje) तिरंगा सबको नसीब नहीं होता… लेकिन तूने तो वादा किया था कि 9 तारीख को घर आएगा, अब यूं तिरंगे में आया है।” इस दौरान शहीद आकाश राव गिरिपुंज की पत्नी ने सैल्यूट कर उन्हें अंतिम विदाई दी।
बेटी के जन्मदिन से पहले मिली शहादत की खबर
शहीद ASP आकाश राव की 6 वर्षीय बेटी नव्या (Navya, daughter of martyr ASP Akash Rao) का बुधवार को जन्मदिन था। पूरा परिवार इस दिन को खास बनाने की तैयारियों में जुटा था और आकाश भी सुकमा से घर लौटने वाले थे। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। जन्मदिन की खुशियां मातम में बदल गईं, और नव्या को अपने पिता की अंतिम यात्रा (Raipur final farewell) देखनी पड़ी।
IED ब्लास्ट में माओवादियों का कायराना हमला
9 जून की सुबह नक्सलियों (Maoist attack) द्वारा भारत बंद के आह्वान (Call for Bharat Bandh) से पहले दहशत फैलाने के लिए खदान में एक JCB में आग लगाई गई थी। सूचना मिलने पर ASP आकाश राव टीम के साथ मौके पर पहुंचे। जैसे ही वे जली हुई JCB के पास पहुंचे, माओवादियों ने छुपा हुआ IED विस्फोट (Sukma IED blast) कर दिया। इस हमले में ASP आकाश राव वीरगति को प्राप्त हुए, जबकि TI सोनल ग्वाला सहित दो अधिकारी घायल हुए हैं।
“SP बनकर आना था, तिरंगे में लिपटकर आया”
आकाश राव (ASP Akash Rao Giripunje) के चाचा बसंत राव ने बताया कि आकाश एक बेहद होनहार अफसर था। गरीब पिता का पढ़ा-लिखा बेटा, जो अपनी मेहनत से ASP बना। परिवार को उम्मीद थी कि अगली बार जब वो घर लौटेगा, SP बनकर आएगा। मगर उसकी वीरगति ने पूरे प्रदेश को स्तब्ध कर दिया। चाचा की आंखें छलक उठीं – “उसका करियर बेदाग था, बहादुरी का प्रतीक था… और उसी बहादुर को कायर नक्सलियों ने छल से मारा।”
महादेव घाट में अंतिम संस्कार, हर आंख नम
गार्ड ऑफ ऑनर के बाद शहीद की पार्थिव देह को महादेवघाट मुक्तिधाम ले जाया गया, जहां भारी जनसमूह की उपस्थिति में उनका अंतिम संस्कार किया गया। शहीद ASP को बेटे ने मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार से पहले कलेक्टर गौरव सिंह ने कहा, “आकाश राव का जाना छत्तीसगढ़ ही नहीं, देश के लिए क्षति है। वह हमेशा याद किए जाएंगे।”
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