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हाइलाइट्स
- अशोकनगर में युवक की मौत, पुलिस पर गंभीर आरोप।
- परिजनों सड़क पर शव रखकर ने किया चक्काजाम।
- एसपी ने मामले में 4 पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच किया।
Ashok Nagar police beating youth to death case: मध्यप्रदेश के अशोकनगर में 45 वर्षीय व्यक्ति की मौत के बाद हंमागा मच गया। परिजन और ग्रामीणों ने सड़क पर शव रखकर नारेबाजी करते हुए बस स्टैंड पर चक्काजाम कर दिया। परिवार का आरोप है कि पुलिस की पिटाई के बाद युवक की मौत हुई है। 8 पुलिसकर्मियों ने पीटा और पानी में डुबाकर मारा। इसके के बाद अस्पताल पहुंचाया गया जहां उसकी मौत हो गई।
पूरा मामला शाढौरा थाना क्षेत्र के बमूरिया गांव से सामने आया है। युवक की मौत से गुस्साए परिजनों ने पहले अस्पताल पहुंचकर हंगामा किया। इसके बाद सड़क पर शव रखकर आरोपियों पर FIR करने की मांग को लेकर चक्काजाम कर दिया। 7 घंटे बाद चले हंगामे के बाद पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की समझाइश के बाद मामला शांत हुआ। चक्काजाम के चलते सड़क के दोनों ओर वाहनों की कतारें लग गई थी। वहीं मामला गंभीर होता देख एसपी राजीव मिश्रा ने जांच के आदेश दिए और 4 पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच कर दिया है।
पुलिस ने डंडों और बेल्ट से की बर्बर पिटाई
मृतक की पहचान लखन यादव (45), पिता लक्ष्मण सिंह के रूप में हुई। मृतक के भाई अर्जुन सिंह ने बताया कि गुरुवार देर शाम लखन गांव में कुछ साथियों के साथ बैठा था, तभी आठ पुलिसकर्मी — कुछ वर्दी में और कुछ सिविल ड्रेस में — वहां पहुंचे और उसे पकड़कर बेरहमी से पीटा। परिवार का दावा है कि लखन के शरीर पर डंडे और बेल्ट से मारपीट के गंभीर निशान थे। आरोप है कि पुलिस के जवान लखन को वहीं अधमरी हालत में छोड़कर चले गए। 2 घंटे बाद पुलिस दोबारा मौके पर पहुंची और उसे अस्पताल ले गई, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
सड़क पर शव रखकर किया चक्काजाम
शुक्रवार सुबह मृतक के परिजनों ने पहले अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया। इसके बाद बस स्टैंड पर लखन का शव सड़क पर रखकर चक्काजाम कर दिया। परिजन और ग्रामीण दोषी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी और न्याय की मांग पर अड़े रहे। ग्रामीणों का आरोप है कि लखन के शरीर पर डंडों और बेल्ट से मारपीट के गहरे निशान हैं, जो पुलिस बर्बरता की ओर साफ इशारा करते हैं।
लखन की मौत के बाद परिजनों ने पुलिस पर पिटाई का आरोप लगाते हुए सड़क पर चक्काजाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया।अशोकनगर-गुना मार्ग पर चक्काजाम होने से सड़क पर लंबा जाम लग गया। केवल दोपहिया वाहन ही जैसे-तैसे निकल पा रहे थे, जबकि बस, ट्रक और लोडिंग वाहन जाम में फंस गए। हालात काबू में लाने के लिए एसडीएम बृज बिहारी लाल श्रीवास्तव और कांग्रेस नेता यादवेंद्र सिंह यादव मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को शांत कराया।
चार पुलिसकर्मी लाइन अटैच
इस घटना के बाद जिला पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया है। घटना की जानकारी मिलते ही एसडीओपी विवेक शर्मा मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी राजीव मिश्रा ने तत्काल कार्रवाई करते हुए प्राथमिक तौर पर दोषी माने गए प्रधान आरक्षक नितिन यादव, विष्णु धाकड़, संजीव साहू और शाहरुख को लाइन अटैच कर दिया। एसपी ने मामले की गहन जांच के आदेश भी दिए हैं। फिलहाल पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई तय होगी।
विधायक हरीबाबू राय ने उठाए सवाल
घटना के सामने आते ही विधायक हरीबाबू राय भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। विधायक ने कहा कि यह कोई पहली बार नहीं है, पुलिस का रवैया लगातार संदेह के घेरे में रहा है।
विधायक ने नाराजगी जताते हुए कहा, “जब चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है, तो यह साफ संकेत है कि उनकी भूमिका संदिग्ध है। ऐसे में सिर्फ जांच की बात करके मामला टालना ठीक नहीं है। अगर निलंबन हुआ है तो FIR क्यों नहीं दर्ज की गई? यह एक गंभीर और जघन्य अपराध है, और दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।”
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