नई दिल्ली। भारतीय सेना ने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) से लापता एक लड़के मिराम टैरोन का पता लगाने और स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार उसे वापस करने के लिए सहायता मांगी है। रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
सांसद ने दी थी अपहरण की जानकारी
अरुणाचल प्रदेश के सांसद तापिर गाव ने बुधवार को कहा था कि पीएलए ने मंगलवार को राज्य के अपर सियांग जिले में भारतीय क्षेत्र से 17 वर्षीय एक लड़के का अपहरण कर लिया। रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने बृहस्पतिवार को कहा कि जब भारतीय सेना को टैरोन के लापता होने के बारे में सूचना मिली तो उसने तुरंत हॉटलाइन के स्थापित तंत्र के माध्यम से पीएलए से संपर्क करके सूचित किया कि जड़ी-बूटी इकट्ठा करने निकला एक लड़का रास्ता भटक गया है और उसका पता नहीं चल रहा है। सूत्रों ने कहा कि पीएलए से उनके क्षेत्र में किशोर का पता लगाने और स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार उसे वापस करने के लिए सहायता मांगी गई है।
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Chinese #PLA has abducted Sh Miram Taron, 17 years of Zido vill. yesterday 18th Jan 2022 from inside Indian territory, Lungta Jor area (China built 3-4 kms road inside India in 2018) under Siyungla area (Bishing village) of Upper Siang dist, Arunachal Pradesh. pic.twitter.com/ecKzGfgjB7— Tapir Gao (Modi Ka Parivar) (@TapirGao) January 19, 2022
कहां घटी घटना
तापिर गाव ने बुधवार को कहा कि घटना उस स्थान के पास घटी जहां से सांगपो नदी अरुणाचल प्रदेश में भारत में प्रवेश करती है। सांगपो को अरुणाचल प्रदेश में सियांग और असम में ब्रह्मपुत्र कहा जाता है। सांसद ने यह भी कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशिथ प्रमाणिक को घटना से अवगत करा दिया है और उनसे इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।
चीनी सेना पहले भी कर चुकी है पांच युवकों का अपहरण
सितंबर 2020 में पीएलए ने अरुणाचल प्रदेश के अपर सुबनसिरी जिले से पांच युवकों का अपहरण कर लिया था और लगभग एक सप्ताह के बाद उन्हें छोड़ा था। ताजा घटना ऐसे समय में हुई है जब भारतीय सेना का अप्रैल 2020 से पूर्वी लद्दाख में पीएलए के साथ गतिरोध जारी है। गतिरोध को हल करने के लिए भारत और चीन के बीच 14 दौर की सैन्य स्तर की वार्ता हो चुकी है। कई दौर की वार्ता के बाद गतिरोध वाले कुछ स्थानों से सैनिकों की वापसी हुई लेकिन पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स, देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया अभी बाकी है।