मुंबई के वसई इलाके पर मौजूद एक निजी स्कूल में 12 साल की काजल उर्फ आशिका गौंड छठवीं क्लास में पढ़ती थी. शुक्रवार, 14 नवंबर को बाल दिवस के दिन वह स्कूल में देर से पहुंची तो टीचर ने सजा के तौर पर उससे 100 उठक-बैठक लगवाए.. जानकारी के मुताबिक, सज़ा पूरी करने के बाद बच्ची की तबीयत खराब हो गई. जिसके बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया..पर कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई.परिवार का आरोप है कि स्कूल में टीचर की अमानवीय सज़ा की वजह से ही बच्ची की तबीयत बिगड़ी और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इस मामले पर राजनीति भी तेज हो गई है. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने चेतावनी दी है कि जब तक दोषी शिक्षकों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज नहीं होता, तब तक वह स्कूल नहीं खुलने देंगे.
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