रिपोर्ट: रजत वाजपेयी, जगदलपुर
Bastar News: जगदलपुर में शीत ऋतु के आगमन के साथ ही विदेशी मेहमान रेड नेप्ड आइबिस (Red Naped Ibis in CG) का आगमन छत्तीसगढ़ में हो चुका है। इस समय दलपत सागर (Bastar News) इन विदेशी मेहमानों के कलरव से गूंज उठा है। रेड नेप्ड आइबिस की खूबसूरत तस्वीरों को वर्ल्ड फोटोग्राफर संतोष पांडे ने अपने कैमरे में कैद किया है।
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उन्होंने बताया कि रेड नेप्ड आइबिस (Red Naped Ibis in CG) को इंडियन ब्लैक आइबिस भी कहा जाता है। रेड नेप्ड आइबिस का काला शरीर होता है। इसके कंधे पर एक सफेद पैच और सिर पर एक काले रंग का धब्बा होता है। सिर और गर्दन के पीछे वाला भाग लाल होता है।
पेड़ पर घोंसला बनाता है ये पक्षी
रेड नेप्ड आइबिस (Red Naped Ibis in CG) बहुत तेज़ आवाज़ करता है। यह अपना घोंसला (Bastar News) बड़े पेड़ के ऊपर बनाता है। वल्चर कंजर्वेशन एसोसिएट सूरज कुमार का कहना है कि अल्प समय के लिए ही सही, लेकिन इन विदेशी मेहमानों की सुरक्षा हमारा कर्तव्य है। हम सब को मिलकर इनके संरक्षण के लिए काम करने की जरूरत है।
फोटोग्राफर ने अपने कैमरे में कैद की तस्वीर
रेड नेप्ड आइबिस (Red Naped Ibis in CG) दलपत सागर (Dalpat Sagar Lake) पहुंच चुका है। इसके मायने यह कि जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी, यहां विदेशी पक्षियों का आना प्रारंभ (Bastar News) होगा। बंसल न्यूज ने अंचल के प्रसिध्द फोटोग्राफर संतोष पांडे के कैमरे के जरिए इन्हें कैद किया। किन देशों से कौन से पक्षी हर साल दलपत सागर पहुंचते हैं, इस बारे में हम विस्तार से बताएंगे।
भारतीय महाद्वीप में मिलता है पक्षी
बर्ड फोटोग्राफर संतोष पांडे ने बताया कि रेड नेप्ड आइबिस को इंडियन ब्लैक आइबिस (Bastar News) भी कहा जाता है। भारतीय महाव्दीप (Dalpat Sagar Lake) में मिलने वाला यह पक्षी जीव वैज्ञानिक जाति का है। भारत के जल समूह और आर्द्रभूमियों में यह दिखाई देता है। गाढ़े रंग का पूरा शरीर होता है, लेकिन कंधों पर एक श्वेत धब्बा और सिर तथा गर्दन के पीछे का भाग लाल होता है। बड़े पेड़ों पर यह अपना घोसला तैयार करता है।
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35 प्रजाति तक के पक्षी आते हैं दलपत सागर
वल्चर कंजर्वेशन एसोसिएट आईटीआर के सूरज कुमार ने बताया कि रेड नेप्ड आइबिस (Bastar News) की संख्या भारत में तेजी से घट रही है। ऐसे में इसके संवर्धन की जरूरत है। भारत में वेट लैंड वाले इलाके के रुप में बस्तर पहचाना जाता है।
यही वजह है कि विदेशी मेहमान फिसेनटील जकाना, मोरुन और स्वैम्फैन के अलावा 30 से 35 प्रजाति के पक्षी दलपत सागर में हर साल ठंड के मौसम में पनाह लेते हैं। बस्तर के अलावा बीजापुर (Dalpat Sagar Lake) का आईटीआर (इंद्रावती टाइगर रिजर्व) का इलाका इन पक्षियों का पसंदीदा इलाका है।
पर्यावण संरक्षण की दृष्टि से महत्वपूर्ण
विदेशी पक्षियों (Bastar News) के हर साल दलपत सागर (Dalpat Sagar Lake) में आगमन को जानकार एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय घटना मानते हैं। पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से इसे महत्वपूर्ण माना जाता है। प्रजनन और रहवास के लिए इनका बस्तर आगमन होता है।
अल्प समय के लिए ही सही पर इनके यहां पहुंचने से इलाके को विशेष पहचान भी मिलती है। जरूरत है इनके लिए सुरक्षित और विस्तारित पर्यावास तैयार करने की, ताकि आने वाले समय में भी बस्तर को लेकर इन मेहमानों का आकर्षण बना रहे।
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