Achanakmar Tiger Reserve: बिलासपुर के अचानकमार टाइगर रिजर्व में दस बाघों का डेरा है. अब इसके साथ ही एक नए जानवर की जानकारी सामने आई है. ATR के डिप्टी डायरेक्टर यूआर गणेश ने बताया कि काले तेंदुए (ब्लैक पेंथर) की तस्वीर कैमरे में कैद हुई है. इस तस्वीर को वन मंत्री केदार कश्यप ने भी सोशल मीडिया पर शेयर किया है. वन मंत्री ने इसे ATR प्रबंधन के लिए उपलब्धि बताया है.
वन्य प्राणी विशेषज्ञ अलग-अलग राय दे रहे
इस तस्वीर के सामने आने के बाद वन्य प्राणी विशेषज्ञों ने बताया है कि ATR (Achanakmar Wildlife Sanctuary) में साल 2011 में पहली बार काला तेंदुआ कैप्चर हुआ था, जब वह शावक था. यह कोई नई प्रजाति नहीं बल्कि, तेंदुआ ही है, जो काला जीन की वजह से है. हालांकि, ऐसा ब्लैक पैंथर कम ही दिखता है.
वन मंत्री केदार कश्यप ने ब्लैक पैंथर की तस्वीर जारी की है. जिसके बाद से ही वन्य प्राणी विशेषज्ञ अलग-अलग राय दे रहे हैं. बताया गया है कि एटीआर (ATR) में साल 2011 में पहली बार काले तेंदुए (मेलानिस्टिक-गहरे रंग) की तस्वीर डॉ राजेंद्र मिश्रा ने कैप्चर की थी. उस समय तेंदुआ शावक था. काले तेंदुए की तस्वीर साल 2020 में भी सामने आई थी.
मेलानिस्टिक तेंदुओं को कहा जाता है ब्लैक पैंथर
वन्य प्राणी विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों की यह धारणा गलत है कि ब्लैक पैंथर एक अलग प्रजाति होता है. यह अलग प्रजाति नहीं, बल्कि एक सामान्य तेंदुआ है. जो जीन की वजह से काला हो जाता है. आमतौर पर मेलानिस्टिक तेंदुओं को ब्लैक पैंथर कहा जाता है.
यह शब्द मेलानिस्टिक जगुआर पर भी लागू होता है. इसे ऐसे समझिए कि एक गाय कई रंगों के बछड़ों को जन्म देती है, उसी तरह से काला तेंदुआ भी है. हालांकि, ये काले तेंदुए बहुत कम मिलते हैं.
अब छतीसगढ़ में भी ये फोटो कैप्चर
वन्य प्राणी विशेषज्ञों ने बताया कि अब तक काले और सामान्य पैंथर के जोड़े की फोटो कर्नाटक के काबिनी से अधिक देखी जाती थी. लेकिन अब छतीसगढ़ का एटीआर (Achanakmar Wildlife Sanctuary) भी दोनों की फोटो साथ दे रहा है. यह फोटो एटीआर के उप संचालक यूआर गणेश ने जारी की है, उसमें काला तेंदुआ अपने सामान्य रंग के जोड़ीदार के साथ दिख रहा है.
यानी आने वाले समय में उनके शावक देखने को मिलेंगे. यह काफी खुशी की बात है. तब जानने को मिलेगा कि कितने शावक काले हुए हैं. हालांकि, अभी काला तेंदुआ नर है या मादा, इसका पता अभी नहीं लग पाया है.
15 साल पहले सक्ति में दिखा था काला तेंदुआ
मिली जानकारी के अनुसार, 15 साल पहले काला तेंदुआ अविभाजित बिलासपुर जिले के सक्ति के पास पिंजरे में फंस गया था, जिसे बिलासपुर के चिड़ियाघर कानन पेंडारी में ले जाया गया था. इस दौरान सफर में वह पिंजरे से निकलने के प्रयास में बुरी तह से घायल हो गया था, जिसे बचाया नहीं जा सका.