Ayurvedic Arjun ki Chhal: बदलती दिनचर्या लोगों को बीमार कर रही है। डायबिटीज, एसिडिटी की समस्या लोगों में आम हो गई है। ऐसे में यदि आप भी आयुर्वेद के अनुसार घरेलू नुस्खों से बीमारियों के उपचार में यकीन रखते हैं तो आज हम आपके साथ शेयर करने जा रहे हैं अर्जुन की छाल के आयुर्वेदिक उपाय।
अर्जुन की छाल का उपयोग कई बीमारियों में कारगार साबित होता है। औषधीय गुणों से भरपूर एंटी ऑक्सीडेंट (Anti Oxident) गुणों से भरपूर अर्जुन की छाल (Arjun ki Chhal) आपको कुछ हद तक राहत दिला सकती है।
अर्जुन की छाल को शुगर (Shugar) की बीमारी के लिए रामबाण कहा जाए तो गलत नहीं होगा। चलिए जानते है। अर्जुन छाल का उपयोग (Use of Arjun ki Chhal) किन-किन बीमारियों में कारगार साबित होता है।
अर्जुन की छाल के फायदे (Arjun Ki Chhal ke Fayde)
1 – डायबिटीज को कंट्रोल करता है अर्जुन की छाल
अगर आप डायबिटीज से पीड़ित हैं तो इसके लिए आप अर्जुन की छाल का सेवन (Benefits of Arjun Chaal to Control Diabetes in Hindi) कर सकते हैं। इसके लिए उपयोग का आयुर्वेदिक (Ayurvedic) उपाय भी काफी आसान है।
इसके लिए आप अर्जुन की छाल के साथसाथ आमलकी छाल, हल्दी, नीम की छाल और नीलकमल के चूर्ण को समान मात्रा में मिलाकर पानी में पकाकर इसका काढ़ा बना लें। इस काढ़े को रोजाना सुबह 10-20 मिली काढ़े में शहद मिलाकर सेवन करें। इससे आपको पित्तज-प्रमेह में लाभ होगा।
2 – एसिडिटी में सहायक होती है अर्जुन की छाल
विशेषज्ञों की मानें तो जब आपको एसिडिटी की समस्या होती है तो पेट में गैस ऊपर दिक्कत होती है इसके लिए अर्जुन की छाल फायदेमंद होती है। इसके लिए आप 10-20 मिली अर्जुन छाल का काढ़ा तैयार कर लें।
फिर इसका नियमित सेवन करने से उदावर्त्त या पेट की गैस ऊपर आकर एसिडिटी में राहत मिलती है। यह पाचन तंत्र को मजबूत करने के साथ-साथ ये गैस्ट्रिक, अल्सर में भी इसका उपयोग किया जा सकता है।
3 – यूरिन संबंधी समस्या में अर्जुन की छाल
यदि आपको यूरिन संबंधी समस्या है या यूरिन पास (Arjuna Chal Beneficial in Anuria in Hindi) करते समय दर्द या जलन की शिकायत होती है तो इसमें अर्जुन की छाल फायदेमंद (Arjuna for Burping in Hindi) होती है। अर्जुन की छाल का काढ़ा बनाकर 20 मिली की मात्रा मिलाएं। इसे पीने से यूरिन संबंधी समस्या (Urine Problem) में लाभ होता है।
4 – हृदय रोग में सहायक
यदि आपको हृदय संबंधी रोग हैं या हमेशा घबराहट या बैचेनी बनी रहती है तो इस कंडीशन में भी अर्जुन की छाल उपयोग की जा सकती है।
इसके लिए 50 ग्राम गेहूँ का आटा लें। इसे 20 ग्राम गाय के घी में भून लें। जब ये गुलाबी हो जाए तो इसमें 3 ग्राम अर्जुन की छाल का चूर्ण मिला लें।
इसके साथ 40 ग्राम मिश्री तथा 100 मिली खौलता हुआ पानी डालकर पका लें। जब इसका हलुवा बन जाए तो इसे सुबह इसका सेवन करें। रोजाना इसका सेवन करने से हृदय संबंधी रोग, घबराहट, धड़कनों का बढ़ना आदि में फायदा होता है।
5 – डायबिटीज के लिए क्यों लाभकारी है अर्जुन की छाल
व्यक्ति के शरीर में ब्लड में मौजूद शुगर लेबल को कम करने के लिए एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण वाली चीजें फायदेमंद होती हैं।
अर्जुन की छाल में ये सभी गुण होते हैं। इसलिए डायबिटीज में अर्जुन की छाल उपयोगी मानी जाती है।
इसके उपयोग करने का तरीका भी बेहद आसान है। आयुर्वेदिक उपचार में अर्जुन की छाल को शुगर लेबल कम करने के लिए बेहद खास माना जाता है। इसके लिए अर्जुन की छाल का काढ़ा तो उपयोग किया ही जा सकता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकते हैं।