Chhattisgarh Nagarnar Plant: छत्तीसगढ़ के बस्तर का नगरनार प्लांट, जहां क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिल रहा है। यहां कई लोगों नौकरी मिली है।
इतना ही नहीं जिन लोगों की जमीन (Chhattisgarh Nagarnar Plant) अधिग्रहण की गई है, उनको नौकरी देने का भी आश्वासन दिया गया था, लेकिन अब ये कयास लगाए जा रहे हैं कि नगरनार प्राइवेटीकरण किया जा रहा है।
केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार ने मिल कर छत्तीसगढ़ के साथ बहुत बड़ा धोखा किया है।
बस्तर में NMDC स्टील प्लांट के निजीकरण का फैसला बिलकुल दुर्भाग्यपूर्ण और अनैतिक है। कांग्रेस सरकार द्वारा जो ज़मीन सरकारी उद्योग के लिए दी गई थी अब कयास हैं कि उसका इस्तेमाल निजी उद्योग के लिए… pic.twitter.com/dfXvXRNtCS
— T S Singhdeo (@TS_SinghDeo) August 17, 2024
यदि ऐसा होता है तो क्षेत्र के लोगों के साथ वादा खिलाफी होगी। यह सब बातें पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने एक्स पर पोस्ट कर कही है। उनकी एक पोस्ट से छत्तीसगढ़ के सियासी गलियारों में खलबली मच गई है।
एनएमडीसी की पैरेंट बॉडी से डि-लिंक
पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने नगरनार प्लांट के निजीकरण की साजिश का आरोप केंद्र और राज्य सरकार पर लगाया है। इसको लेकर एक्स पर वीडियो जारी किया और लिखा भी है।
जिसमें कहा है कि नगरनार प्लांट (Chhattisgarh Nagarnar Plant) को एनएमडीसी की पैरेंट बॉडी से डि-लिंक किया गया है। इससे प्लांट का निजीकरण हो सकता है। यह छत्तीसगढ़ और बस्तर की जनता से वादाखिलाफी है।
पहले भी किया गया था निजीकरण का विरोध
पूर्व डिप्टी सीएम सिंहदेव ने वीडियो में कहा कि नगरनार स्टील प्लांट (Chhattisgarh Nagarnar Plant) एनएमडीसी ने बनाया। सेमी सेंट्रल गवर्नमेंट की स्कीम के अनुसार छत्तीसगढ़ सरकार ने जमीन अधिग्रहण की थी।
इसके बाद स्टील प्लांट लगाया गया। नगरनार प्लांट को पहले भी निजी हाथों में सौंपने की तैयारी थी, उस समय भी इसका जमकर विरोध हुआ था।
बस्तर की जनता के साथ किया धोखा: टीएस
वीडियो में पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव कहते दिख रहे हैं कि 3 अक्टूबर को 2023 को प्रधानमंत्री ने स्टील प्लांट (Chhattisgarh Nagarnar Plant) का उद्घाटन किया था। इसके साथ ही बस्तर की जनता से कहा था कि यह नगरनार स्टील प्लांट बस्तर के लोगों की संपत्ति है। यह उनके पास ही रहेगा। इसके बाद अमित शाह ने भी इसी वादे को दोहराया। लेकिन यह पिछले दरवाजे से किया जा रहा है।
डिप्टी सीएम का आरोप है कि केंद्र सरकार का छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Nagarnar Plant) की जनता और बस्तर के आदिवासियों के साथ बड़ा धोखा है। इसको लेकर पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने अप्रैल 2017 में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर प्लांट के प्राइवेटाइजेशन पर आपत्ति जताई थी।
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इसलिए की जा रही चर्चा
नगरनार स्टील प्लांट को पैरेंट कंपनी एनएमडीसी से डि-मर्जर किया है। ये प्रोसेस 2020 में शुरू की गई थी। इसका विरोध भी उस समय हुआ था। बताया जा रहा है कि इस समय नगरनार स्टील प्लांट स्वतंत्र ईकाई के रूप में विकसित होकर काम कर रहा है। अब इसके ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि इसका प्राइवेटाइजेशन हो सकता है। यदि ऐसा हुआ तो बस्तर के लोगों के रोजगार पर खतरा है।