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Barabanki Stampede: यूपी की भगदड़ त्रासदी, 2025 में कई जिंदगियां लील गईं, महाकुंभ से मंदिरों तक मौत का तांडव

Barabanki Stampede: Uttar Pradesh (UP) Barabanki Ausaneshwar Mahadev Temple Stampede इस साल कई परिवारों के लिए मातम का सबब बन गए हैं। धार्मिक आयोजनों और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर लगातार हो रही भगदड़ की घटनाओं ने राज्य को गमगीन कर दिया है।

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anurag dubey
Barabanki Stampede: यूपी की भगदड़ त्रासदी, 2025 में कई जिंदगियां लील गईं, महाकुंभ से मंदिरों तक मौत का तांडव

हाइलाइट्स

  • 2025 की भगदड़ ने ली कई जानें, सुरक्षा पर गंभीर सवाल
  • महाकुंभ से मंदिरों तक मौत का तांडव
  • यूपी की भगदड़ त्रासदी
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Barabanki Stampede: साल 2025 उत्तर प्रदेश के लिए कई मायनों में एक दुखद और हृदय विदारक वर्ष साबित हो रहा है। धार्मिक आस्था और उमंग के पर्व, जो आमतौर पर खुशियों और उल्लास का प्रतीक होते हैं, इस साल कई परिवारों के लिए मातम का सबब बन गए हैं। धार्मिक आयोजनों और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर लगातार हो रही भगदड़ की घटनाओं ने राज्य को गमगीन कर दिया है। इन त्रासदियों ने न केवल कई परिवारों से उनके प्रियजनों को बेरहमी से छीना है, बल्कि भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिनकी गूंज अब न्यायालयों के गलियारों तक पहुंच गई है। सरकार ने इन घटनाओं पर दुख व्यक्त करते हुए मुआवजे और जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन मृतकों के परिजनों और घायलों का दर्द शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।

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2025 में कितनी हुईं भगदड़ की घटनाएं

  • महाकुंभ मेला, प्रयागराज (29 जनवरी, 2025) 

मौनी अमावस्या का पावन अवसर था, जब लाखों श्रद्धालु प्रयागराज के महाकुंभ मेले में पवित्र स्नान के लिए एकत्र हुए थे। आस्था और भक्ति का यह विशाल जनसैलाब अचानक एक भयावह त्रासदी में बदल गया। 29 जनवरी, 2025 की रात 1 से 2 बजे के बीच, एक टूटे हुए बैरिकेड और भारी भीड़ के अचानक उमड़ने के कारण भगदड़ मच गई। देखते ही देखते, हजारों लोग एक-दूसरे पर गिरते-पड़ते, जान बचाने के लिए संघर्ष करते नजर आए। इस हृदय विदारक घटना में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई और 60 से अधिक श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हुए। मृतकों में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल थे, जिनकी पहचान करना भी मुश्किल हो गया था। घटनास्थल पर चारों ओर चीख-पुकार और अफरा-तफरी का माहौल था। बचाव कार्य में देरी और अव्यवस्था के आरोप लगे, जिससे प्रशासन पर भीड़ प्रबंधन में गंभीर चूक के सवाल खड़े हुए। यह घटना आस्था के सबसे बड़े समागम पर एक काला धब्बा बन गई, जिसने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया।

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2025 में भगदड़ की प्रमुख घटनाएँ 

क्रमतिथिस्थानघटना का विवरणकारणमृतकघायलप्रशासनिक प्रतिक्रिया
129 जनवरी, 2025महाकुंभ मेला, प्रयागराजमौनी अमावस्या पर स्नान हेतु लाखों श्रद्धालु एकत्रटूटा बैरिकेड + भारी भीड़कम से कम 3060+देरी से राहत, हाई कोर्ट में PIL, प्रशासन पर सवाल
228 जुलाई, 2025अवसानेश्वर महादेव मंदिर, बाराबंकीसावन सोमवार पर जलाभिषेक हेतु उमड़ी भीड़करंट फैलने की अफवाह229₹5 लाख मुआवजा, बिजली तार टूटने की पुष्टि, निर्देश जारी
327 जुलाई, 2025मनसा देवी मंदिर, हरिद्वार (उत्तराखंड)उत्तर प्रदेश के श्रद्धालु भी शामिलअफवाह से फैली भगदड़6 (UP के 4 निवासी)शोक व्यक्त, स्थानीय प्रशासन जांच में जुटा
4तिथि उल्लेखित नहींभोले बाबा सत्संग, उत्तर प्रदेशसूरजपाल बाबा के सत्संग में चरण रज लेने भीड़ उमड़ीभीड़ का अनियंत्रित दौड़
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बाराबंकी का अवसानेश्वर महादेव मंदिर (28 जुलाई, 2025) 

सावन का तीसरा सोमवार था, जब बाराबंकी के पौराणिक अवसानेश्वर महादेव मंदिर में शिवभक्तों का तांता लगा हुआ था। जलाभिषेक के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु कतार में खड़े थे। तभी अचानक बिजली का करंट फैलने की अफवाह ने भगदड़ का रूप ले लिया। यह हादसा सुबह के समय हुआ, जब श्रद्धालु मंदिर परिसर में प्रवेश कर रहे थे। इस भयावह हादसे में 2 लोगों की मौत हो गई, जबकि 29 लोग करंट लगने और भगदड़ में झुलसने व घायल होने के कारण अस्पताल में भर्ती हुए। मरने वालों में लोनीकटरा थाना क्षेत्र के मुबारकपुरा गांव निवासी 22 वर्षीय प्रशांत और एक अन्य श्रद्धालु शामिल थे, जिनकी पहचान अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। जिलाधिकारी ने घटना के कारणों का खुलासा करते हुए बताया कि मंदिर परिसर में बंदरों की कूदफांद से बिजली का एक तार टूटकर टिन शेड पर गिर गया, जिससे उसमें करंट फैल गया। इस अफवाह ने श्रद्धालुओं में दहशत पैदा कर दी और भगदड़ मच गई। यह घटना दिखाती है कि धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा के बुनियादी पहलुओं पर भी कितनी लापरवाही बरती जा रही है।

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हरिद्वार का मनसा देवी मंदिर (28 जुलाई, 2025) 

हालांकि यह घटना भौगोलिक रूप से उत्तराखंड के हरिद्वार में हुई, लेकिन इसका सीधा असर उत्तर प्रदेश पर पड़ा, क्योंकि इसमें उत्तर प्रदेश के कई श्रद्धालुओं ने अपनी जान गंवाई। 27 जुलाई, 2025 को हरिद्वार स्थित प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर में मची भगदड़ में 6 लोगों की मौत हुई, जिनमें से 4 लोग उत्तर प्रदेश के निवासी थे। मृतकों में बरेली के आरूष (12 वर्ष), रामपुर जिले के कैमरी रोड स्थित नगलिया कला मजरा गांव के विक्की (18 वर्ष), बाराबंकी के मौहतलवाद निवासी वकील, और बदायूं की श्रीमती शांति शामिल थीं। यह हादसा सुबह 9 बजे के करीब हुआ था। इस घटना में भी अफवाहों को एक प्रमुख कारण बताया गया, जिसने भीड़ को अनियंत्रित कर दिया। यूपी के इन परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, क्योंकि उनके प्रियजन आस्था के नाम पर घर से निकले थे, लेकिन कभी लौटकर नहीं आए।

हरिद्वार: मनसा देवी मंदिर में भगदड़ से 8 की मौत और 30 घायल, PM और CM ने जताया दुख, मजिस्ट्रियल जांच के दिए निर्देश - India TV Hindi

सरकार और न्यायालय का रुख 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन सभी भगदड़ की घटनाओं पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं और बाराबंकी के अवसानेश्वर मंदिर हादसे को लेकर सीएम योगी ने मृतकों के परिजनों को ₹5 लाख की आर्थिक सहायता का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंचने, राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने, और घायलों को हर संभव चिकित्सा सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने का आश्वासन दिया है, लेकिन इन आश्वासनों को जमीन पर उतारना एक बड़ी चुनौती है।

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न्यायालय का संज्ञान और जनहित याचिकाएं

इन भगदड़ की घटनाओं को लेकर न्यायालयों ने भी संज्ञान लिया है। महाकुंभ 2025 में हुई भगदड़ के मामले को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है। इस याचिका में भगदड़ के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और न्यायिक निगरानी समिति गठित करने की मांग की गई है। यह मामला पहले सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने का निर्देश दिया था, क्योंकि यह राज्य से संबंधित मामला था। न्यायालय ने इन घटनाओं को "दुर्भाग्यपूर्ण" बताया है और प्रशासन से जवाबदेही सुनिश्चित करने को कहा है। इन जनहित याचिकाओं का उद्देश्य केवल मुआवजा दिलाना नहीं, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए ठोस तंत्र स्थापित करना भी है। लगातार हो रही इन भगदड़ की घटनाओं ने त्योहारों और बड़े धार्मिक आयोजनों में भीड़ प्रबंधन की मौजूदा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह स्पष्ट है कि केवल कागजी योजनाएं पर्याप्त नहीं हैं; उन्हें प्रभावी ढंग से लागू करने की आवश्यकता है। विशेषज्ञों और सुरक्षा विश्लेषकों का मानना है कि इन हादसों की प्रमुख वजहें निम्नलिखित हैं। 

क्या हो रहा है और क्या होना नहीं चाहिए 

  • भीड़ नियंत्रण में कमी: आयोजनों के दौरान भीड़ की संख्या का सही आकलन न कर पाना और उसे नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त पुलिस बल व स्वयंसेवकों की कमी।
  • बुनियादी ढांचे की लापरवाही: संकरे रास्ते, अपर्याप्त बैरिकेडिंग, खराब बिजली व्यवस्था, और आपातकालीन निकास मार्गों की कमी या अवरुद्ध होना।
  • अफवाहों का प्रबंधन: सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से फैलने वाली अफवाहों को समय पर नियंत्रित न कर पाना, जिससे दहशत फैलती है।
  • प्रबंधन और समन्वय की कमी: विभिन्न विभागों (पुलिस, स्वास्थ्य, स्थानीय प्रशासन) के बीच समन्वय का अभाव।
  • जागरूकता का अभाव: श्रद्धालुओं और आयोजकों दोनों में भीड़ सुरक्षा प्रोटोकॉल के प्रति जागरूकता की कमी।

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Purvanchal Electricity Corporation Suspension:  पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के अधीक्षण अभियंता (SE) प्रशांत सिंह को अमर्यादित भाषा के प्रयोग के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई ऊर्जा मंत्री एके शर्मा द्वारा सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक ऑडियो पर संज्ञान लेने के बाद हुई है। प्रबंध निदेशक, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम ने उनके निलंबन के साथ-साथ विभागीय जांच के भी निर्देश दिए हैं और उन्हें मुख्यालय से अटैच कर दिया गया है। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें

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