April Fools Day 2023: एक अप्रैल नाम सुनकर आपके दिमाग में मूर्ख शब्द आता होगा, यानी मूर्ख दिवस, मूर्ख बनाने का दिन। दुनियाभर में 1 अप्रैल को मूर्ख दिवस मनाया जाता है, जिसे हमे अप्रैल फूल डे भी कहते है। इस दिन हम अपने सगे संबंधी, दोस्तो को बेवकूफ बनाते है और जैसे ही सामने वाला बेवकूफ बन जाता है तो जोर से कहते है अप्रैल फूल….
कैसे हुई इसकी शुरुआत
इसकी शुरूआत को लेकर कोई खास जानकारी तो नहीं है। लेकिन माना जाता है कि फ्रेंच कैलेंडर में होने वाला बदलाव अप्रैल फूल डे मनाने की शुरूआत हो सकती है। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि इंग्लैड के राजा रिचर्ड द्वितीय की एनी से सगाई के कारण अप्रैल फूल डे मनाया जाता है। जबकि कुछ लोग यह मानते हैं कि इस दिन की शुरूआत हिलारिया फेस्टिवल से हुई है। हालांकि फ्रेंच कैलेंडर के तथ्य को सबसे सटीक माना जाता है। क्योंकि फ्रांस द्वारा इस कैलेंडर को सबसे पहले स्वीकार किया गया था। लेकिन यूरोप के कई देशों ने इस कैलेंडर को स्वीकार नहीं किया था और वे जनवरी में न्यू ईयर मनाते थे। लेकिन फ्रांस के लोग नया साल अप्रैल में मनाते थे, इस कारण से लोग उन्हें मूर्ख समझने लगे और तभी से अप्रैल फूल मनाया जाने लगा।
अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है अप्रैल फूल डे
बता दें कि अप्रैल फूल डे को अलग-अलग देशों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। जैसे ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, साउथ अफ्रीका और ब्रिटेन में अप्रैल फूल को सिर्फ दोपहर तक मनाया जाता है। जबकि कुछ देशों- जापान,रूस, आयरलैंड, इटली और ब्राजील में इसे पूरे दिन मनाया जाता है।
कब हुई इसकी भार में शुरूआत?
इंटरनेट डाटा के अनुसार भारत में इस दिन की शुरुआत 19वीं सदी में अंग्रेजों ने की थी। तभी से लेकर आज तक 1 अप्रैल को देशभर में अप्रैल फूल दिवस मनाया जाता है।