हाइलाइट्स
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MP में आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी नियुक्ति केस
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हाईकोर्ट के फैसले पर टिकीं नियुक्तियां
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EWS को गलत आरक्षण देने को चुनौती
MP Medical Officer Bharti: मध्यप्रदेश में आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी के पद पर दी जाने वाली नियुक्तियां हाईकोर्ट के एक फैसले पर निर्भर रहेंगी। हाईकोर्ट के एक अंतरिम आदेश में यही कहा गया है। याचिका में EWS को गलत आरक्षण देने को चुनौती दी गई है। इस याचिका के आखिरी फैसले पर नियुक्तियां निर्भर रहेंगी।
इनको नोटिस
EWS को गलत आरक्षण देने को चुनौती के मामले में जस्टिस विवेक जैन की सिंगल बेंच ने मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव, संचालक आयुष विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है।
MPPSC ने जारी किया था भर्ती का विज्ञापन
छिंदवाड़ा के डॉ. विद्या कटरे, डॉ. मोहित वर्मा सहित अलग-अलग जिलों के ओबीसी और अन्य आरक्षित वर्ग के चिकित्सकों की ओर से अधिवक्ता विट्ठल राव जुमरे ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि पीएससी ने 30 मई 2023 को आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी के 792 पदों, होम्योपैथिक अधिकारी के 43 और यूनानी चिकित्सा अधिकारी के 28 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था।
उन्होंने दलील दी कि संविधान में निहित प्रावधान के तहत EWS को अनारक्षित श्रेणी में उपलब्ध कुल पदों में से 10 फीसदी पदों पर ही आरक्षण देने का नियम है।
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19 की जगह 69 फीसदी पद EWS के लिए आरक्षित
अधिवक्ता विट्ठल राव जुमरे ने बताया कि आयोग ने आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी के कुल 792 पदों में से 10 प्रतिशत यानी 69 पद EWS के लिए आरक्षित कर दिए हैं। ये नियम के खिलाफ है। उन्होंने दलील दी कि नियम में अनारक्षित के कुल उपलब्ध पद यानी 188 में से 10 फीसदी यानी 19 पद ही EWS के लिए आरक्षित किए जाने चाहिए थे।