/bansal-news/media/post_attachments/wp-content/uploads/2024/09/shri-lanka-new-president-1.webp)
Sri Lanka New President: श्रीलंका में पहली बार वामपंथ की तरफ झुकाव वाले अनुरा दिसानायके राष्ट्रपति बन गए हैं। उन्होंने आज (23 सितंबर) राष्ट्रपति पद की शपथ ले ली है। सोमवार को अनुरा ने कोलंबो में राष्ट्रपति सचिवालय में शपथ ग्रहण की।
https://twitter.com/anuradisanayake/status/1838095566997475730
श्रीलंका में पहली बार राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे दूसरी बार गिनती में साफ हुए क्योंकि पहले दौर की गिनती में किसी भी प्रत्याशी को 50% वोट नहीं मिले थे।
बता दें कि पहले चरण में टॉप पर रहे दो प्रत्याशी नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) के अनुरा कुमारा दिसानायके और समागी जन बालावेगया (एसजेबी) के सजिथ प्रेमदासा के दूसरी बार वोट की गणना की गई।
21 सितंबर को देश के 10वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान हुए थे। इस चुनाव में लगभग 1 करोड़ 70 लाख मतदाताओं में से करीब 75 फीसदी ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। यह चुनाव श्रीलंका की राजनीतिक स्थिति में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देता है, और दिसानायके की जीत के साथ देश में नई उम्मीदें जागी हैं।
10वें राष्ट्रपति बने दिसानायके
/bansal-news/media/post_attachments/wp-content/uploads/2024/09/anura-300x189.webp)
अनुरा कुमारा दिसानायके श्रीलंका के 10वें राष्ट्रपति बन गए हैं। 56 वर्षीय अनुरा कुमारा कोलंबो से सांसद हैं। वे वामपंथी विचारधारा के नेता हैं। वो चीन के समर्थन और भारत के विरोध में कई बार बयान दे चुके हैं।
बता दें कि अनुरा कुमारा की पार्टी को चीन से फंडिंग भी मिली है। इसके अलावा वे बंद बाजार की इकोनॉमिक पॉलिसी को मानते हैं।
अडानी ग्रुप के समझौते को रद्द करेंगे दिसानायके
अनुरा कुमारा दिसानायके कई बार भारत के खिलाफ बयान दे चुके हैं। उन्होंने हाल ही में अडानी ग्रुप के समझौते को रद्द करने की बात भी कही थी।
उन्होंने अडानी ग्रुप के 484 मेगावाट वाले 44 करोड़ के समझौते को रद्द करने की भी बात की थी। उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि
राष्ट्रपति बनने के बाद वह प्रोजेक्ट को रद्द कर देंगे।
भारत दखल का किया था विरोध
अनुरा कुमारा दिसानायके श्रीलंका के गृह युद्ध में भारत-श्रीलंका के शांत समझौते के जरिए भारत दखल का विरोध किया था।
आर्थिक संकट के बाद पहला चुनाव
यह चुनाव 2022 के आर्थिक संकट के बाद श्रीलंका में पहला चुनाव है। दिसानायके ने नेशनल पीपुल्स पावर (NPP) गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा, जिसमें उनकी मार्क्सवादी-झुकाव वाली जनता विमुक्ति पेरेमुना (JVP) पार्टी भी शामिल है।
2022 में गोटबाया राजपक्षे की सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर जन विद्रोह हुआ, जिसमें प्रदर्शनकारी कोलंबो में राष्ट्रपति भवन में घुस गए थे, जिसके चलते गोटबाया राजपक्षे को देश छोड़कर भागना पड़ा था। इस कठिन समय में रानिल विक्रमसिंघे ने देश की बागडोर संभाली, लेकिन अब उनके लिए चुनौती बढ़ गई है।
2019 में भी लड़ा राष्ट्रपति पद का चुनाव
अनुरा कुमारा दिसानायके साल 2014 में सोमवंश अमरसिंघे के उत्तराधिकारी के रूप में जेवीपी के नेता बने और 2019 में जेवीपी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े थे।
2019 के राष्ट्रपति चुनाव में वह 3 प्रतिशत वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।
/bansal-news/media/agency_attachments/2025/10/15/2025-10-15t102639676z-logo-bansal-640x480-sunil-shukla-2025-10-15-15-56-39.png)
Follow Us
चैनल से जुड़ें