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अनूपपुर में माफियाओं का कब्जा: ग्रामीणों को धमकी देकर कराते हैं चुप, फिर कोयला खनन के लिए करते हैं विस्फोट का उपयोग

Anuppur Illegal Mining: अनूपपुर जिले के बिजुरी थाना क्षेत्र के पिपरिया गांव में कोयले के अवैध खनन और परिवहन का मामला तूल पकड़ रहा है।

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Shashank Kumar
Anuppur Illegal Mining

अनूपपुर से विनय की रिपोर्ट..

Anuppur Illegal Mining: मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के बिजुरी थाना क्षेत्र के पिपरिया गांव में कोयले के अवैध खनन और परिवहन का मामला तूल पकड़ रहा है। राजस्व भूमि में नाले के नीचे बड़े पैमाने पर कोयले का भंडार होने के कारण माफियाओं ने अवैध खनन के लिए मशीनों और विस्फोटकों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। मंत्री दिलीप जायसवाल ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए संबंधित थाना प्रभारी को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। 

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कोयला माफियाओं का प्रमुख ठिकाना

पिपरिया गांव छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे होने के कारण कोयला माफियाओं (Anuppur Illegal Mining) के लिए यह इलाका एक प्रमुख ठिकाना बन गया है। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, पहले यह खनन छोटे स्तर पर होता था, लेकिन अब बाहरी माफिया मशीनों और बारूद का उपयोग कर कम समय में बड़े पैमाने पर कोयला निकाल रहे हैं।  

खनिज विभाग और स्थानीय पुलिस की निष्क्रियता से यह अवैध कारोबार फल-फूल रहा है। माफिया स्थानीय ईंट भट्ठों और छत्तीसगढ़ में ऊंची कीमत पर कोयले की सप्लाई कर रहे हैं, जिससे उन्हें भारी मुनाफा हो रहा है।  

ग्रामीणों में भय की स्थिति

ग्रामीणों का कहना है कि माफिया धमकी देकर उन्हें चुप करा रहे हैं। पहले स्थानीय ईंट भट्ठा संचालक कुछ ग्रामीणों को पैसे देकर कोयला खुदाई करवाते थे, लेकिन अब मशीनों और आधुनिक तकनीकों का उपयोग हो रहा है। माफिया चट्टानों में सुरंग बनाकर विस्फोटकों के जरिए कोयला निकाल रहे हैं।  

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खनन की इस अवैध गतिविधि से न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि स्थानीय प्रशासन की उदासीनता भी उजागर हो रही है। खनिज विभाग को अवैध खनन की जानकारी होने के बावजूद, कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।  

मंत्री ने दिए सख्त निर्देश  

कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल ने कहा, 'मेरे विधानसभा क्षेत्र में किसी भी तरह के अवैध कार्य को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बिजुरी थाना प्रभारी को तुरंत इस मामले में कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।'

उन्होंने खनिज विभाग को भी चेतावनी दी कि यदि अवैध खनन पर रोक नहीं लगाई गई तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। मंत्री ने कहा कि यह खनन न केवल पर्यावरण के लिए खतरा है, बल्कि यह क्षेत्र के कानून-व्यवस्था को भी प्रभावित कर रहा है।  

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सरकार की सख्ती और आगे की राह 

मंत्री जायसवाल की सख्ती के बाद अब देखना होगा कि प्रशासन कितनी जल्दी और प्रभावी कार्रवाई करता है। स्थानीय लोगों ने भी सरकार से इस अवैध खनन पर स्थायी रोक लगाने और माफियाओं के खिलाफ कठोर कदम उठाने की मांग की है। 

अवैध कोयला खनन (Anuppur Illegal Mining) न केवल क्षेत्र की कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि यह पर्यावरण और स्थानीय निवासियों के जीवन पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। यदि समय पर कार्रवाई नहीं की गई, तो इसके दीर्घकालिक परिणाम गंभीर हो सकते हैं।

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बता दें, बारूद और भारी मशीनों का उपयोग भूगर्भीय असंतुलन पैदा कर सकता है। सुरंग बनाकर की जाने वाली खुदाई से जमीन धंसने का खतरा भी बढ़ जाता है।

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