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इंदौर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरसंघचालक एमएस गोलवलकर को लेकर सोशल मीडिया पर विवादास्पद पोस्टर साझा कर विद्वेष फैलाने के आरोप में कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह के खिलाफ इंदौर में आपराधिक मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। तुकोगंज पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि स्थानीय वकील और संघ कार्यकर्ता राजेश जोशी की शिकायत पर सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए (धर्म के आधार पर दो समूहों के बीच वैमनस्य फैलाना), धारा 469 (ख्याति को नुकसान पहुंचाने के इरादे से जालसाजी), धारा 500 (मानहानि) और धारा 505 (सार्वजनिक शांति भंग करने के इरादे से भड़काऊ सामग्री प्रसारित करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
https://twitter.com/digvijaya_28/status/1677464306202574848?s=20
जोशी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि सिंह ने फेसबुक पर गोलवलकर के नाम और तस्वीर वाला विवादास्पद पोस्टर साझा किया ताकि दलितों, पिछड़ों, मुसलमानों और हिंदुओं में वैमनस्य पैदा कर उन्हें वर्ग संघर्ष के लिए उकसाया जा सके।
शिकायत में कहा गया कि गोलवलकर के बारे में सिंह के फेसबुक पोस्ट से संघ कार्यकर्ताओं और समस्त हिन्दू समुदाय की धार्मिक आस्था आहत हुई है।
संघ के एक स्थानीय पदाधिकारी ने मीडिया को भेजे बयान में आरोप लगाया कि सिंह ने इस संगठन की छवि धूमिल करने के लिए सोशल मीडिया पर गोलवलकर को लेकर 'मिथ्या और अनर्गल पोस्ट' किया।
पोस्ट में और क्या दावे?
इस तस्वीर में गुरु गोलवलकर को कोट करते हुए लिखा है कि उन्होंने 1940 में कहा था,'मैं सारी जिंदगी अंग्रेजों की गुलामी करने के लिए तैयार हूं। लेकिन जो दलित पिछड़ों और मुसलमानों को बराबरी का अधिकार देती हो ऐसी आजादी मुझे नहीं चाहिए।' नफरत फैलाने का आरोप दिग्विजय के इस ट्वीट के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए शिकायतकर्ता ने उन पर समाज में नफरत फैलाने का आरोप लगाया है।
फरियादी ने कहा है कि पूर्व सीएम ने ना सिर्फ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है। बल्कि, उसकी भावनाओं को भी ठोस पहुंचाया है।
कौन हैं सदाशिव राव गोलवलकर
गुरुजी के नाम से मशहूर माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दूसरे संघ प्रचारक थे। इनका जन्म 19 फरवरी, 1906 को महाराष्ट्र के रामटेक में हुआ था। बनारस में हेडगेवार के कार्यक्रम में इनका परिचय पहली बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से हुआ, जहां ये डॉ। हेडगेवार की विचारधारा से काफी प्रभावित हुए।
डॉ। हेडगेवार ने अपने गिरते स्वास्थ्य को देखते हुए 13 अगस्त, 1939 को रक्षाबंधन के अवसर पर गोलवलकर को 'सरकार्यवाहक' के पद पर नियुक्त किया था। 1940-1973 यानी 33 सालों तक इन्होंने आरएसएस के स्वरूप को विस्तार देने के लिए काम किया। 5 जून, 1973 को गोलवलकर का मृत्यु हो गई थी।
सीएम बोले, विद्वेष फैलाना कांग्रेस नेताओं की आदत
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर लिखा, बिना तथ्यों की जानकारी के दुष्प्रचार करना और विद्वेष फैलाना कांग्रेस के नेताओं की आदत है।
श्रद्धेय श्री गोलवलकर गुरुजी ने आजीवन सामाजिक विभेद मिटाने और समरस समाज के निर्माण के लिए कार्य किया। गुरुजी के विषय में इस तरह का मिथ्या प्रचार कांग्रेसी नेताओं की कुंठा को दर्शाता हैं, गुरुजी का झूठा चित्र लगा कर सामाजिक विद्वेष उत्पन्न करने की कोशिश निंदनीय है।
बिना तथ्यों की जानकारी के दुष्प्रचार करना और विद्वेष फैलाना कांग्रेस के नेताओं की आदत है। श्रद्धेय श्री गोलवलकर गुरूजी ने आजीवन सामाजिक विभेद मिटाने और समरस समाज के निर्माण के लिए कार्य किया। गुरुजी के विषय में इस तरह का मिथ्या प्रचार कांग्रेसी नेताओं की कुंठा को दर्शाता हैं,…
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) July 8, 2023
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