देहरादून। Ankita Murder Case उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड की विवेचना लगभग पूरी हो चुकी है, और अगले 10 दिन में पुलिस अदालत में अभियुक्तों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर देगी । राज्य पुलिस के प्रवक्ता एवं अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून —व्यवस्था वी मुरूगेशन ने रविवार को यहां संवाददाताओं से बातचीत में यह भी बताया कि अंकिता हत्याकांड के आरोपियों का नार्को टेस्ट करवाया जाएगा । उन्होंने बताया कि अंकिता हत्याकांड की विवेचना लगभग पूरी हो चुकी है और पुलिस के पास आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं ।
अगले 10 दिनों में दर्ज होगा आरोपपत्र
मुरूगेशन ने कहा, ‘मामले में निर्धारित तिथि (आरोपियों की गिरफतारी के 90 दिन की समयसीमा के अंदर) से पहले ही आरोपपत्र दाखिल कर दिया जाएगा । हम अगले 10 दिनों में इसे दाखिल कर देंगे ।’ उन्होंने बताया कि अभियुक्तों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 302, 201, 120 बी, 354 तथा अनैतिक व्यापार अधिनियम की धाराएं लगाई गयी हैं । ऋषिकेश के निकट पौड़ी जिले के गंगा भोगपुर क्षेत्र में वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करने वाली 19 वर्षीया अंकिता की सितंबर में कथित तौर पर रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारियों, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर चीला नहर में धक्का देकर हत्या कर दी थी । पूछताछ में सामने आया कि कथित तौर पर किसी वीआइपी को ‘एक्सट्रा सर्विस’ देने से मना करने पर अंकिता की हत्या की गयी थी । घटना के सामने आने के बाद तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
कहा जाता है वीआईपी
हत्या से उपजे जनाक्रोश के बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए पुलिस उपमहानिरीक्षक पी रेणुका देवी के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन किया जो मामले की जांच कर रही है। हांलांकि, रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलाए जाने तथा परिसर में स्थित मुख्य आरोपी की आंवला कैंडी की फैक्ट्री में आग लगने की घटनाओं का हवाला देते हुए अंकिता के माता—पिता ने सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया है और वे मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो को सौंपे जाने की मांग कर रहे हैं । इस बारे में मुरूगेशन ने कहा कि पुलिस रिमांड में आरोपियों तथा रिजॉर्ट के स्टाफ ने पुलिस को पूछताछ के दौरान बताया है कि रिजॉर्ट में प्रेसिडेंशियल सूट में ठहरने वाले को वीआइपी कहा जाता है ।
आरोपियों का होगा नार्को टेस्ट
हालांकि, उन्होंने कहा कि इस बारे मे सच्चाई का पता लगाने के लिए आरोपियों का नार्को टेस्ट कराने का निर्णय किया गया है । उन्होंने कहा कि इसके लिए जल्द ही अदालत में अर्जी देकर उसकी अनुमति ली जाएगी । मुरूगेशन ने जनता से इस संबंध में किसी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न देने और संयम बनाये रखने का आग्रह करते हुए पुलिस पर भरोसा रखने को कहा । उन्होंने कहा कि मामले की जांच किसी भय या पक्षपात के बिना की गयी है और उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने भी हमारी जांच से जुडे कागजों का अवलोकन किया है ।