हाइलाइट्स
- देश का पहला पशु ब्लड बैंक
- अक्टूबर से मिल सकती है सेवा
- नेशनल वेटरनरी ब्लड बैंक नेटवर्क होगा
Animal Blood Bank Bhopal: मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के कुत्ते (dog) और बिल्ली (cat) प्रेमियों के लिए एक अच्छी खबर है। ब्लड के अभाव में उन्हें अपनी जान गंवाना नहीं पड़ेगी। इमरजेंसी (emergency) में जानवरों का ब्लड ट्रांसफ्यूजन (blood transfusion) हो सकेगा। क्योंकि अब कुत्ते (dog) और बिल्लियों (cat) का भी ब्लड डोनेशन होगा। अक्टूबर (october) से यह सेवा शुरू होने की संभावना है।
केंद्र सरकार (Central government) की ओर से पहली बार पशुओं के लिए ब्लड बैंक (Blood Banks) और ट्रांसफ्यूजन (Transfusion) के लिए मानक प्रक्रिया (standard procedures) तैयार की गई है, जिसके तहत भोपाल (Bhopal) के राज्य पशु चिकित्सालय (State Veterinary Hospital) में देश का पहला पशु ब्लड बैंक (animal blood bank) बनाया जाएगा। जहां इंसानों की तरह अब पशुओं को भी ब्लड ट्रांसफ्यूजन (blood transfusion) की सुविधा मिलेगी। एक नेशनल वेटरनरी (National Veterinary) ब्लड बैंक नेटवर्क ( Blood Bank Network) बनाया जा रहा है।
कौनसे पशु नहीं दे पाएंगे ब्लड ?
केंद्र सरकार (Central government) की तय मानक प्रक्रिया (standard procedures) के तहत कोई भी दूधारू पशु ब्लड डोनेट नहीं कर सकेगा। जिसमें गाय और बकरी समेत दूध पिलाने वाली सभी पशु ब्लड डोनेशन (animal blood donation) के लिए पात्र नहीं होंगे।
ब्लड डोनेशन के क्या नियम ?
कुत्ते (dog) और बिल्लियों (Cat) के ब्लड डोनेशन के कुछ जरूरी नियम है। जिसमें ब्लड डोनेट करने वाले पशु पूरी तरह स्वस्थ होना चाहिए। वह पशु वैक्सीनेटड (animals vaccinated) होना चाहिए। यह पूरी तरह से स्वैच्छिक प्रक्रिया होगी।
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कौनसे पशु कर सकेंगे ब्लड डोनेट?
कुत्ते (डॉग)
उम्र: 1 से 8 साल
वजन: कम से कम 25 किलो
अवधि: हर 4-6 हफ्ते में एक बार ब्लड डोनेट कर सकेंगे।
बिल्लियां (कैट)
उम्र: 1 से 5 साल
वजन: कम से कम 4 किलो
अवधि: हर 8-12 हफ्ते में एक बार ब्लड डोनेट कर सकेंगे।
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कुत्तों में ब्लड डोनेशन
- कुत्तों के ब्लड ग्रुप को DEA डॉग एरिथ्रोसाइट एंटीजन कहा जाता है।
- इनमें सबसे ज्यादा कॉमन DEA 1.1 + और – होता है।
- कुत्ते का ब्लड दूसरे कुत्ते को दिया जा सकता है।
- लेकिन ब्लड ग्रुप सेम यानी मैच होना जरूरी है।
- कुछ मामलों में यूनिवर्सल डोनर डॉग भी होते हैं, DEA 1.1 नकारात्मक वाले
बिल्लियों में ब्लड डोनेशन
- बिल्लियों के मुख्य तीन ब्लड ग्रुप होते हैं, जिसमें ए, बी और एबी ग्रुप होता हैं।
- भारत समेत एशिया में ज्यादातर बिल्ल्यिां ए ग्रुप की होती हैं।
- ब्लड ग्रुप का मिलान बहुत जरूरी होता है
- बिना मैच किए ब्लड चढ़ाने पर रिएक्शन हो सकता है।
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अभी इनका होगा ट्रांसफ्यूजन
पशुपालन विभाग की योजना है कि ब्लड बैंक से अभी छोटे जानवरों के लिए रक्त ट्रांसफ्यूजन की व्यवस्था रहेगी। जिसमें कुत्ते, बिल्ली और बकरियों को सेवा दी जाएगी। आगे गाय, बैल और घोड़ों जैसे बड़े जानवरों के लिए भी ब्लड उपलब्ध रहेगा।
क्यों जरूरी ये ब्लड बैंक ?
ब्लड के अभाव में अभी हादसों, सर्जरी या गंभीर बीमारियों के दौरान कई जानवरों को जान गंवाना पड़ रही है। ट्रांसफ्यूजन शुरू होने से आपात स्थिति में मरने वाले जानवरों की संख्या कम हो जाएगी।
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