Angareshwar Mahadev in Ujjain: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में महाकाल की नगरी उज्जैन में बाबा के कई रुप हैं। आज हम आपको अंगारेश्वर महादेव के बारे में बताने जा रहे हैं। कहा जाता है जिनकी राशि में मंगल होता है उन लोगों की बाबा हर मनोकामंना पूरी करते हैं। अंगारेश्वर महादेव मांगलिक दोषों के कारण युवक-युवतियों के विवाह में आ रही दिक्कतों को भी दूर करते हैं। यहां भात पूजा का भी विशेष महत्व है।
सिंदूर के खास श्रृंगार से सजे अंगारेश्वर महादेव शिप्रा नदी के किनारे स्थित हैं। पुराणों में माना गया है कि मंगल ग्रह का जन्म उज्जैन है और अंगारेश्वर महादेव ही भूमि पुत्र मंगल हैं इसलिए अंगारेश्वर महादेव को मंगल देव भी कहा जाता है। मंगल ग्रह की शांति के लिए अंगारेश्वर महादेव में विशेष पूजा फलदायी मानी गई है।
सिंदूर के विशेष श्रृंगार से सजे बाबा अंगारेश्वर के दर्शन के लिए हर मंगलवार को बड़ी संख्या में श्रृद्धालु पहुंचते हैं। यहां भात पूजा का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि, जो मंगलवार की चतुर्थी के दिन अंगारेश्वर का दर्शन, व्रत और पूजन करते हैं उन्हें संतान, धन, भूमि, सम्पत्ति, यश की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही यहां से वास्तुदोष, भूमिदोष का भी निवारण भी होता है।
मंगल को भात इसीलिए चढ़ाया जाता है, क्योंकि भात (चावल) की प्रकृति ठंडी होती है। इससे मंगल को शांति मिलती है। भात पूजन करने वालों पर कृपा भी करते हैं। विवाह में मांगलिक दोषों के कारण आ रही समस्याएं भी यहां से हल हो जाती हैं। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन जो देश के 12 ज्योतिर्लिंगों वाले शहरों में से एक है। इस धार्मिक नगरी में अंगारेश्वर महादेव का खास स्थान है। जो भी यहां आता है बाबा उसकी हर मुराद पूरी करते हैं।