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Anant Chaturdashi 2021 : अनंत चतुर्दशी पर क्यों बांधते हैं अनंत, क्यों पड़ा यह नाम

रविवार 19 सितंबर को श्रीगणेश जी Anant Chaturdashi 2021 विदा हो जाएंगे। गणपत्ति बप्पा मोरिया के साथ घरों और मंदिरों से इनकी विदाई कर दी जाएगी। विदाई के समय इन्हें अनंत रूप में एक धागा बांधा जाएगा।

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Preeti Dwivedi
Anant Chaturdashi 2021 : अनंत चतुर्दशी पर क्यों बांधते हैं अनंत, क्यों पड़ा यह नाम

नई दिल्ली। रविवार 19 सितंबर को श्रीगणेश जी Anant Chaturdashi 2021 विदा हो जाएंगे। गणपत्ति बप्पा मोरिया के साथ घरों और मंदिरों से इनकी विदाई कर दी जाएगी। विदाई के समय इन्हें अनंत रूप में एक धागा बांधा जाएगा। पर आपको पता कि इस अनंत को बांधने के पीछे का कारण क्या है। अगर नहीं तो आइए हम आपको बताते हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस दिन भगवान शेषनाग की भी पूजा की जाती है।

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अनंत रूप में रहता है भगवान का आशीर्वाद

पंडित रामगोविन्द शास्त्री के अनुसार अनंत का अर्थ होता है जिसका कोई अंत नहीं। यानि इस दिन भगवान को अनंत धागा बांधकर उसे भगवान को चढ़ाया जाता है और फिर व​हीं धागा अपने गले और हाथों में धारण किया जाता है। इस अनंत धागे को धारण करने से हमारे अनंत कार्य सिद्ध होते हैं। इस दिन भगवान विष्‍णु की पूजा की जाती है और अनंत सूत्र बांधा जाता है। भगवान विष्‍णु (Lord Vishnu) के प्रिय शेषनाग का नाम अनंत है।

क्या है पीछे की कहानी
पौराणिक कथा अनुसार पांडव द्वारा जुए में सब कुछ हारने पर दोबारा राजपाट पाने के लिए भगवान श्रीकृष्‍ण ने पांडवों को अनंत चतुर्दशी का व्रत करने के लिए कहा था। मान्‍यता है कि भगवान विष्‍णु के इस रूप के न तो आदि का पता है और न ही अंत का। कहा जाता है भगवान के इस रूप की पूजा करने से सारे कष्ट मिटते हैं।

अनंत चतुर्दशी पर बांधे अनंत सूत्र
अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा करने के बाद अनंत सूत्र जरूर बांधा जाता है। इस धागे को चमत्कारी माना जाता है। कष्टों के निवारण पाने में ये बहुत कारगार होता है। इसमें 14 गांठे लगाकर बाजू पर बांधा जाता है। पुरुष दाएं और महिलाएं बाएं हाथ पर बांधती हैं।

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इस तरह पहनें अनंत
अनंत चतुर्दशी को कच्चे धागे में 14 गांठ लगाकर उसे कच्चे दूध में शुद्ध कर लें। फिर ॐ अनंताय नम: मंत्र का जाप करते हुए भगवान‍ विष्णु की का पूजन करें। बाजार में भी गांठ लगे हुए अनंत सूत्र मिलते हैं, उनका भी उपयोग कर सकते हैं।

 14 रूप की 14 गांठें
- ये 14 गांठें भगवान विष्‍णु के हर रूप का प्र‍तीक होती हैं। इसे पहनने के बाद 14 दिन तक तामसिक भोजन नहीं किया जाता है। यह सूत्र हर दुख-दर्द को दूर करके जिंदगी को खुशियों से भर देता है। संभव हो तो अनंत सूत्र धारण करने के दिन व्रत रखें और श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करें।

नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता।

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