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Anant Chaturdarshi 2022 : इस शुभ मुहूर्त में करें विसर्जन, आज करना न भूलें अनंत चतुर्दशी के खास उपाय, मंत्र

Anant Chaturdarshi 2022 : इस शुभ मुहूर्त में करें विसर्जन, आज करना न भूलें अनंत चतुर्दशी के खास उपाय, मंत्र anant-chaturdarshi-2022-on-the-day-of-anant-chaturdashi-this-auspicious-coincidene-know-ganesh-visarjan-timing-mantra-upay-pds

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Preeti Dwivedi
Anant Chaturdarshi 2022 : इस शुभ मुहूर्त में करें विसर्जन, आज करना न भूलें अनंत चतुर्दशी के खास उपाय, मंत्र

नई दिल्ली। बीते 10 दिनों से चल रहे श्री गणेश Anant Chaturdarshi 2022 उत्सव का आज समापन बप्पा की विदाई के Anant Chaturdarshi 2022 uyay mantra vidhi साथ हो जाएगा। आज गाजे-बाजे ढोल नगाड़ों के साथ गणपति का विसर्जन कर दिया जाएगा। घरों और पंडालों में विराजे बप्पा को हवन पूजन के साथ विदा करके अगले वर्ष जल्दी आने की कामना की जाएगी। आज अनंत चतुर्दशी पर दो खास योग बन रहे हैं। इतना नहीं गुरूवार रात से पंचक भी लग चुके हैं। जिसके चलते आज पंचकों में गणपति बप्पा की विदाई की जाएगी। तो चलिए आप भी जान लें विदाई का सही मुहर्त, तरीका और इस दिन के उपाय।

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इस तरह करें हवन -
गणपति बप्पा की विदाई के पहले उनका विधिवत तरीके से पूजन करें। इसके बाद लड्डू मोदक आदि का भोग लगाकर हवन करें। हवन में अपने सभी इष्ट देवों के साथ-साथ गणपित बप्पा के नाम की आहूति देकर उनसे प्रार्थना करें। इसके बाद घी के दीपक और कपूर से आरती कर पूजा समाप्त करें। दही का चरणामृत और प्रसाद सभी को बांटे।

अनंत चतुर्दशी के उपाय -
इस दिन भगवान को अपिर्त करके एक खास प्रकार का रेशम का धागा पहना जाता है। इसे अनंत कहते हैं। अनंत का अर्थ जिसका कोई अंत नहीं होता। हिन्दू धर्म में इसे पहनने का बड़ा महत्व है। कहा जाता है विघ्नहर्ता के नाम का ये धागा पहनने से सभी विघ्न दूर होते हैं। साथ ही जीवन में खुशहाली आती है।
अनंत रूप में रहता है भगवान का आशीर्वाद –

पंडित रामगोविन्द शास्त्री के अनुसार अनंत का अर्थ होता है जिसका कोई अंत नहीं। यानि इस दिन भगवान को अनंत धागा बांधकर उसे भगवान को चढ़ाया जाता है और फिर व​हीं धागा अपने गले और हाथों में धारण किया जाता है। इस अनंत धागे को धारण करने से हमारे अनंत कार्य सिद्ध होते हैं। इस दिन भगवान विष्‍णु की पूजा की जाती है और अनंत सूत्र बांधा जाता है। भगवान विष्‍णु के प्रिय शेषनाग का नाम अनंत है।

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क्या है पीछे की कहानी –
पौराणिक कथा अनुसार पांडव द्वारा जुए में सब कुछ हारने पर दोबारा राजपाट पाने के लिए भगवान श्रीकृष्‍ण ने पांडवों को अनंत चतुर्दशी का व्रत करने के लिए कहा था। मान्‍यता है कि भगवान विष्‍णु के इस रूप के न तो आदि का पता है और न ही अंत का। कहा जाता है भगवान के इस रूप की पूजा करने से सारे कष्ट मिटते हैं।

अनंत चतुर्दशी पर बांधे अनंत सूत्र –
अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा करने के बाद अनंत सूत्र जरूर बांधा जाता है। इस धागे को चमत्कारी माना जाता है। कष्टों के निवारण पाने में ये बहुत कारगार होता है। इसमें 14 गांठे लगाकर बाजू पर बांधा जाता है। पुरुष दाएं और महिलाएं बाएं हाथ पर बांधती हैं।

इस तरह पहनें अनंत –
अनंत चतुर्दशी को कच्चे धागे में 14 गांठ लगाकर उसे कच्चे दूध में शुद्ध कर लें। फिर ॐ अनंताय नमः मंत्र का जाप करते हुए भगवान‍ विष्णु की का पूजन करें। बाजार में भी गांठ लगे हुए अनंत सूत्र मिलते हैं। उनका भी उपयोग कर सकते हैं।

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14 रूप की 14 गांठें –
ये 14 गांठें भगवान विष्‍णु के हर रूप का प्र‍तीक होती हैं। इसे पहनने के बाद 14 दिन तक तामसिक भोजन नहीं किया जाता है। यह सूत्र हर दुख.दर्द को दूर करके जिंदगी को खुशियों से भर देता है। संभव हो तो अनंत सूत्र धारण करने के दिन व्रत रखें और श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करें।

अनंत चतुर्दशी पर जरूर करें इस मंत्र का जाप –
ॐ अनंताय नम

नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता।

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