पंजाब। अमृतसर के बड़ा हनुमान मंदिर में नवरात्रि के पहले दिन से लंगूर मेला शुरू हो गया है। इसमें लोग अपने बच्चों को लंगूर की तरह तैयार करके लाते हैं। मंदिर के पुजारी ने बताया, “जिनके संतान नहीं होती या बच्चे बीमार होते हैं वो अपने बच्चों के लिए मन्नत मांगते हैं कि बाबा जी हमारे बच्चों को ठीक कर देंगे या संतान हो जाएगी तो हम उन्हें लंगूर बनाकर लाएंगे।”
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क्यों मनाई जाती है ये अनोखी प्रथा
बता दें कि, अमृतसर का बड़ा हनुमान मंदिर भी काफी महत्वपूर्ण धार्मिक स्थान है। यहां हर साल लंगूरों का मेला लगता है, यहां देश-विदेश से बच्चे लंगूर बनने के लिए आते हैं। दुनियावी कपड़े उतार कर बच्चे भगवान हनुमान का चोला पहन कर लंगूर बनकर ढोल की थाप पर नाचते हैं। इसके साथ ही, बच्चों के परिजन लंगूर के सिर पर रुपये वार कर परिवार के सदस्यों को बधाई देते हैं। फिर भगवान श्री हनुमान के मंदिर में माथा टिकाने के लिए हनुमान चालीसा का जाप करते पहुंचते हैं।
जिसके बाद, मंदिर में माथा टेक कर नाचते गाते वह घर के लिए रवाना हो जाते हैं। इतना ही नहीं, भ्रूणहत्या के विरोध में कुछ अभिभावक अपनी बेटियों को भी लंगूर बनाकर यह संदेश देने के लिए लाते हैं कि, बेटियां भी बेटों से कम नहीं है। बेटियां पैदा होने पर भी लंगूर सजाईं जातीं है। लंगूर मेला केवल हिंदू धर्म तक सीमित नहीं है। अब सिख धर्म के अनुयायी भी मन्नत पूरी होने पर लंगूर सजाने के लिए श्री हनुमान मंदिर पहुंचते हैं।