Amritpal Singh arrested कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह को पंजाब के मोगा जिले से रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा,
‘‘पंजाब पुलिस ने उसे (अमृतपाल को) गिरफ्तार कर लिया है।’’ पुलिस ने बताया कि उसे असम की डिब्रूगढ़ जेल में भेजा जाएगा। पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘उस पर रासुका लगा हुआ है और उसे डिब्रूगढ़ ले जाया जाएगा।
MI vs PBKS: रोमांचक मुकाबले में पंजाब के सामने मुंबई पस्त
’’ पंजाब पुलिस ने खालिस्तान समर्थक के खिलाफ पहले ही सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाया हुआ है। पुलिस ने 18 मार्च को अमृतपाल सिंह तथा उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के सदस्यों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की थी जिसके बाद से वह फरार था।
अमृतपाल तथा उसके साथियों पर विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्य पैदा करने, हत्या का प्रयास करने, पुलिसकर्मियों पर हमला करने और लोक सेवकों के काम में बाधा पैदा करने से जुड़े कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
कौन है अमृतपाल सिंह?
अमृतपाल ‘वारिस पंजाब दे’संगठन का चीफ है। वह अलग देश खालिस्तान की मांग कर रहा है। वह कुछ दिन पहले ही दुबई से लौटा है। वारिस पंजाब दे संगठन को पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू ने बनाया था। दीप सिद्धू की मौत के बाद अमृतपाल ने इसपर कब्जा कर लिया। उसने भारत आकर संगठन में लोगों को जोड़ना शुरू किया। अमृतपाल का ISI लिंक बताया जा रहा है।
अमृतपाल पर क्यों हो रही कार्रवाई?
अमृतपाल सबसे पहले 23 फरवरी को चर्चा में आया था। उसने अजनाला पुलिस स्टेशन में अपने करीबी को छुड़ाने के लिए हजारों समर्थकों के साथ हमला बोल दिया था। इस हमले में 6 पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे। इसके बाद उसने कई टीवी चैनलों में दिए इंटरव्यू में अलग खालिस्तान की मांग की थी। इतना ही नहीं अमृतपाल ने देश के गृह मंत्री अमित शाह को भी धमकी दी थी। अमृतपाल की तुलना खालिस्तानी आतंकी भिंडरावाले से भी की जा रही है।
Home Loan: आवास ऋण बढ़ने से मकानों की बिक्री प्रभावित होगी: सर्वे
अजनाला कांड के बाद पुलिस ने किया था क्रैकडाउन
23 फरवरी को अमृतपाल और उसके संगठन वारिस पंजाब दे से जुड़े लोगों ने अजनाला पुलिस थाने पर हमला कर दिया था। अमृतपाल और उसके समर्थकों के हाथ में तलवार, लाठी-डंडे थे। ये पूरा बवाल आठ घंटे तक चला था। ये बवाल अमृतपाल के समर्थक लवप्रीत तूफान की रिहाई को मांग को लेकर हुआ था। लवप्रीत तूफान को पुलिस ने बरिंदर सिंह नाम के शख्स को अगवा और मारपीट करने के आरोप में हिरासत में लिया था। हालांकि, बवाल के बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया था। 23 फरवरी की इसी घटना के मामले में पुलिस ने केस दर्ज किया था।
Glenn Maxwell : चेन्नई सुपर किंग्स की जीत पर क्या बोले मैक्सवेल?
18 मार्च को पुलिस ने शुरू किया ऑपरेशन
पंजाब पुलिस ने 18 मार्च को खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के लिए बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू किया था। इस ऑपरेशन में सात जिलों की पुलिस टीम शामिल थी। पुलिस की 50 से ज्यादा गाड़ियों ने अमृतपाल और उसके समर्थकों का पीछा किया। पुलिस ने अमृतपाल का पीछा तब किया, जब वो जालंधर की शाहकोट तहसील जा रहा था। अमृतपाल आखिरी बार बाइक से भागते हुए दिखा था। पुलिस का भी कहना है कि संकरी गलियां थीं और वो अपनी गाड़ी बदलकर वहां से भागने में कामयाब रहा।
इस राज्य में इन्सान ही नहीं, लू लगने से हुई 8 चमगादड़ों की मौत
पुलिस ने लगाया था NSA
अमृतपाल को लेकर पुलिस ने बेहद सख्त एक्शन लेते हुए उस पर एनएसए लगा दिया था। एनएसए यानी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून। यह बेहद सख्त कानून माना जाता है. इस कानून के तहत पुलिस संदिग्ध व्यक्ति को 12 महीनों तक हिरासत में रख सकती है। हिरासत में रखने के लिए बस बताना होता है कि इस व्यक्ति को जेल में रखा गया है।
Rajasthan Politics: पार्टी राजस्थान में अपनी साख बचाने का नाटक कर रही: राजेन्द्र राठौड़
ये भी पढें…
Weather Update: 5 दिन तक लू से मिलेंगी राहत, जानिए मौसम विभाग ने क्या बताया
COVID Update: कोरोना की चपेट में आए सुप्रीम कोर्ट के 5 जज, समलैंगिक मामले में सुनवाई टाली